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सातवां वेतन आयोगः न्यूनतम पेंशन में 157 प्रतिशत की बृद्धि, ग्रेचुटी भी हुई डबल

Published: Aug 16, 2016 01:19:00 pm

Submitted by:

Abhishek Tiwari

ग्रेचुटी की अधिकतम सीमा भी 10 लाख से 20 लाख कर दी गई है, आयोग ने कहा है
कि जब भी महंगाई भत्ते में 50 फीसदी का इजाफा होगा तो ग्रेच्युटी में भी 25
फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी

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नई दिल्ली। सरकार ने देश के करीब 58 लाख रिटायर्ड केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी दी है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद उनके पेंशन में 157.14 फीसदी का इजाफा हो गया है। अब उन्हें कम से कम नौ हजार रुपए पेंशन मिलेगी, जबकि पहले न्यूनतम पेंशन 3,500 रुपए थी। एक जनवरी 2016 से लागू हुई सिफारिशों के तहत सरकार में शीर्ष पद पर बैठे कर्मचारी की अधिकतम सैलरी 2,50,000 रुपए हो गई है। कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने वेतन आयोग की सिफारिशों की मंजूरी के बाद इस बारें में अधिसूचना जारी की है। नियत चिकित्सा भत्ते व लगातार हाजिरी भत्ते पर आयोग की सिफारिशों पर विचार के लिए सचिवों की समिति गठित हुई है।

डीए के साथ ग्रेचुटी में होगा इजाफा

ग्रेचुटी की अधिकतम सीमा भी 10 लाख से 20 लाख कर दी गई है। आयोग ने कहा है कि जब भी महंगाई भत्ते में 50 फीसदी का इजाफा होगा तो ग्रेच्युटी में भी 25 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी।

हादसे में मौत पर परिजनों को 25 लाख रुपए

ड्यूटी में हादसे या फिर आतंकी हमले या फिर समाज विरोधी हिंसा में किसी कर्मचारी की जान जाती है तो उसके परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे। पहले हादसे में मौत होने पर 10 लाख मुआवजा था। इसी तरह आतंकवादियों या उग्रवादियों और समुद्री लुटेरों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान हुई मौत या बहुत ऊंचाई पर, दुर्गम सीमा चौकियों पर ड्यूटी के दौरान हुई मौत पर मिलने वाली मुआवजा राशि को 35 लाख रुपये किया गया है जो पहले 15 लाख रुपये थी।

जंग के दौरान मौत पर मिलेंगे 45 लाख

नई व्यवस्था के तहत युद्ध या दुश्मन की कार्रवाई में किसी सरकारी कर्मचारी की मौत पर परिजनों को 45 लाख रुपए मिलेंगे, पहले यह राशि 20 लाख थी। नियत चिकित्सा भत्ते व लगातार हाजिरी भत्ते पर आयोग की सिफारिशों पर विचार क लिए सचिवों की एक समिति गठित की गई है।

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