scriptज्यादा रोजगार देने वाले को टैक्स में छूट देगी मोदी सरकार | Employers likely to get 30% income tax exemption for creating more jobs | Patrika News

ज्यादा रोजगार देने वाले को टैक्स में छूट देगी मोदी सरकार

Published: Feb 05, 2016 06:11:00 pm

केंद्र सरकार रोजगार के अतिरिक्त अवसर मुहैया कराने वाले एम्प्लॉयर्स को कई अन्य लाभ देने वर विचार कर रही है

30% income tax exemption for creating more jobs

30% income tax exemption for creating more jobs

नई दिल्ली। केंद्र सरकार रोजगार के अतिरिक्त अवसर मुहैया कराने वाले एम्प्लॉयर्स को कई अन्य लाभ देने वर विचार कर रही है। हाल में सचिवों की एक उच्चस्तरीय समिति ने प्रस्ताव रखा था कि बजट में इसके लिए फिस्कल और मॉनिटरी इंसेंटिव्स पर विचार किया जाए। इसमें एक अहम प्रस्ताव उन यूनिट्स को 30 फीसदी तक टैक्स एग्जेम्प्शन देने का है, जो 2 फीसदी अतिरिक्त जॉब्स क्रिएट करें।

प्रॉविडेंट फंड कंट्रीब्यूशंस पर भारी छूट
कैलकुलेशन का आधार कुल सैलरी पेमेंट को बनाया जा सकता है और इसके दायरे में हर तरह के कर्मचारी आएंगे। इसकी बजाय यह भी हो सकता है कि नियोक्ता को प्रॉविडेंट फंड कंट्रीब्यूशंस पर भारी छूट दी जाए। एक और इनसेंटिव यह हो सकता है कि उन्हें इंटरेस्ट सबवेंशन के जरिए कम ब्याज दर पर कर्ज मुहैया कराया जाए। पीएम ने इसका जिक्र पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर भाषण में किया था। उन्होंने कहा था, ‘सरकार नई यूनिट्स के लिए नई स्कीम्स बनाएगी और उसमें एम्प्लॉयमेंट को इससे जोड़ा जाएगा।

कुल 48 करोड़ का वर्कफोर्स
इंडिया में कुल 48 करोड़ का वर्कफोर्स है, जिसमें से 6 पर्सेट हिस्सा ही संगठित क्षेत्र में है। इसके अलावा हर साल करीब 1.2 करोड़ लोग इस वर्कफोर्स में जुड़ रहे हैं। श्रम आंकड़ों से पता चलता है कि 15 साल से ऊपर की आबादी का केवल 50 पर्सेट हिस्सा ही रोजगार में है।

मोदी ने कही रोजगार बढ़ाने वाले को फायदा देने की बात
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार लेबर मिनिस्ट्री ने सरकार की रोजगार सृजन की रणनीति के तहत कई फिस्कल और मॉनिटरी उपायों का प्रस्ताव दिया है। उम्मीद है कि बजट में इन्हें जगह मिल जाएगी क्योंकि पीएम मोदी ने देश में रोजगार के मौके बढ़ाने वालों को फायदा देने की बात कही थी।

पॉलिसी पर निर्भर है सफलता
इंडिया रेटिंग्स के डी. के. पंत ने कहा, ‘इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि पॉलिसी को लागू कैसे किया जाता है। उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा रोजगार सृजन के इकॉनमी पर दूसरे असर भी पड़ते हैं। सोच यह है कि ऐसे बेनेफिट्स को केवल एक तय आकार के मैन्युफैक्चरर्स तक सीमित न रखा जाए। उन्होंने कहा, ‘अगर एक तय आकार की शर्त होगी तो यूनिट्स टैक्स नेट में आना चाहेंगी और रोजगार बढ़ाने के बदले बेनेफिट्स लेना चाहेंगी।
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