scriptरूपए में स्थिरता के लिए पर्याप्त पूंजी भंडार मौजूद : राजन | Enough forex reserve to strengthen Re : Rajan | Patrika News

रूपए में स्थिरता के लिए पर्याप्त पूंजी भंडार मौजूद : राजन

Published: Aug 24, 2015 08:20:00 pm

राजन ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की निराशाजनक हालत के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था संभावनाओं से भरी हुई है

Raghu Rajan

Raghu Rajan

मुंबई। रूपए और शेयर बाजारों में भारी गिरावट के बीच सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि मुद्रा विनिमय बाजार की गिरावट को थामने के लिए पर्याप्त विदेशी पूंजी भंडार उपलब्ध मौजूद है। राजन ने यहां एक बैंकिंग सम्मेलन के इतर मौके पर कहा कि देश के पास करीब 380 अरब डॉलर विदेशी पूंजी भंडार है और यदि जरूरत पड़ी तो इसका इस्तेमाल किया जाएगा।

सोमवार को मुद्रा विनिमय बाजार में रूपए ने प्रति डॉलर 66.47 का दो साल का निचला स्तर छू लिया। राजन ने पहले एक मौके पर कहा था कि आरबीआई देश की अर्थव्यवस्था का चीयर लीडर नहीं है। इसी की तर्ज पर उन्होंने फिर कहा कि शेयर बाजार में तेजी लाने का काम आरबीआई का नहीं है।

राजन ने कहा, मुख्य दरों में कटौती को ऎसी ख्ौरात के तौर पर नहीं देखना चाहिए, जिसे काफी मान मनौव्वल के बाद आरबीआई देता हो। बल्कि जरूरी चीज यह है कि महंगाई दर लगातार कम रहे, जिस पर प्रधानमंत्री ने भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिए गए भाषण में चर्चा की थी। ऎसा होने पर आरबीआई को दर घटाने में कोई हिचक नहीं होगी।

राजन ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की निराशाजनक हालत के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था संभावनाओं से भरी हुई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमजोरी का मुख्य कारण यही है कि उन अर्थव्यवस्थाओं में तात्कालिक समाधान पर ध्यान दिया गया है, लंबी अवधि के सुधार नहीं किए गए हैं।

राजन ने कहा, हाल के वर्षो की आर्थिक समस्याओं का मूल कारण यह है कि भारत ने अपने संस्थानों को छोटा कर दिया है। टिकाऊ विकास के लिए सरकार और आरबीआई के कदमों का सार यह है कि हम जरूरी संस्थान खड़े कर रहे हैं।

वैश्विक व्यापार में गिरावट के बारे में राजन ने कहा कि वैश्विक बाजार में तेजी और गिरावट पर अधिक ध्यान नहीं देकर घरेलू बाजार में मांग बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार में मांग बढ़ाने के लिए संरचनागत सुधार किया जाना चाहिए।

राजन ने कहा कि अगले महीने दो नए लघु वित्त बैंक के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे और दो सामान्य बैंक शुरू होंगे। आरबीआई की तात्कालिक प्राथमिकता महंगाई कम करना और संकट में फंसी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार और बैंकों के साथ मिलकर काम करना तथा बैंकों का बैलेंसशीट ठीक करना है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो