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लगता है आरबीआई गवर्नर रहते हुए कम वेतन मिलता है : राजन

Published: Aug 16, 2016 09:17:00 pm

हाल ही में जारी किए गए डाटा से पता चलता है कि राजन का जुलाई 2015 में मासिक वेतन एक लाख 98 हजार 700 रुपए था

Raghuram Rajan

Raghuram Rajan

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कहा कि सरकारी बैंकों को टेलेंट को अपनी ओर आकर्षित करने में काफी मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है। सरकारी बैंक निचले कर्मचारियों को तो अच्छा पैकेज देते हैं, लेकिन उच्च अधिकारियों को ऐसा पैकेज नहीं दिया जाता।

राजन ने मजाकिया लहजे में कहा कि उन्हें भी ‘अल्प वेतन’ दिया जाता है। बैंकों के एक सम्मेलन में बोलते हुए आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकारी बैंकों में आप निचले स्तर पर जरूरत से ज्यादा वेतन देते हैं, जबकि ऊपरी स्तर पर आप वेतन कम देते हैं।

उन्होंने कहा, आपको लगता है कि आप जनता के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन टेलेंट को अपनी ओर खींचने के लिए उसे आप और कठिन कर देते हैं। 53 वर्षीय राजन ने कहा कि मुझे भी लगता है कि मेरा वेतन कम है।

हाल ही में जारी किए गए डाटा से पता चलता है कि राजन का जुलाई 2015 में मासिक वेतन एक लाख 98 हजार 700 रुपए था। 4 सितंबर को कार्यकाल पूरा होने के बाद राजन फिर से शिकागो यूनिवर्सिटी में वित्त पढ़ाने चले जाएंगे।

बैंकों ने अपने सालाना रिपोर्ट में वेतन को लेकर जो आंकड़़ें जारी किए हैं उसमें सरकारी और निजी बैंकों के वेतन में भारी अंतर है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य को 2015-16 में महज 31.1 लाख रुपए वेतन के रूप में मिले, जबकि एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी को इसी अवधि में भट्टाचार्य से 30 गुना ज्यादा वेतन-9.7 करोड़ रुपए मिले।

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