केन्द्र सरकार की इस योजना का मकसद देश में बिना उपयोग के पड़े करीब 52 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के 20 हजार टन सोने को बाजार में लाना था
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में लोगों ने बिल्कुल भी रुचि नहीं दिखाई और अब तक इनके तहत मात्र 400 ग्राम सोना जमा हुआ है। भारतीय रत्न एवं आभूषण निर्यात परिषद उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष अनिल संखवाल ने गुरुवार यहां वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक सिर्फ 400 ग्राम सोना जमा हुआ है।
सरकार योजना की समीक्षा, सोने की जांच और बैंक में उसे जमा कराने के लिए केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर सहमत हो गई है। देश के मंदिरों व घरों में पड़े 20 हजार टन सोने को बाहर निकलवाकर इससे अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार ने 5 नवंबर को स्वर्ण मौद्रीकरण योजना शुरू की थी। योजना को लेकर लोगों के ठंडे रिस्पॉन्स को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने एक हफ्ते में तीसरी बार मीटिंग बुलाई थी।
केन्द्र सरकार की इस योजना का मकसद देश में बिना उपयोग के पड़े करीब 52 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के 20 हजार टन सोने को बाजार में लाना था। इस योजना के फेल होने का एक बड़ा कारण सोने को परखने के सेंटर्स की कमी भी है। फिलहाल देश में 29 जांच केन्द्र और चार रिफाइनरी है। इनकी संख्या को अब क्रमश: 55 और 20 करने की है।
योजना के फेल होने के बड़े कारण
स्कीम को लेकर लोगों में जानकारी की कमी
मैच्योरिटी पर टैक्स पर लगने से दिलचस्पी घटी
जांच केन्द्र, बैंक और सरकार में समन्वय की कमी