स्थानीय मांग में मामूली सुधार से दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 30 रुपये चढ़कर एक महीने से ज्यादा के उच्चतम स्तर 28,740 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। चांदी भी 350 रुपये की तेजी के साथ 40,450 रुपये प्रति किलोग्राम बोली गयी। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सप्ताहांत पर गिरावट के बावजूद स्थानीय बाजार में पीली धातु में तेजी रही। इसकी मुख्य वजह मांग में तेजी रही। हालांकि, यह तेजी बहुत ज्यादा नहीं है।
नई दिल्ली. स्थानीय मांग में मामूली सुधार से दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 30 रुपये चढ़कर एक महीने से ज्यादा के उच्चतम स्तर 28,740 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। चांदी भी 350 रुपये की तेजी के साथ 40,450 रुपये प्रति किलोग्राम बोली गयी। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सप्ताहांत पर गिरावट के बावजूद स्थानीय बाजार में पीली धातु में तेजी रही। इसकी मुख्य वजह मांग में तेजी रही। हालांकि, यह तेजी बहुत ज्यादा नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पीली धातु में गिरावट
लंदन तथा न्यूयॉर्क से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पीली धातु में गिरावट देखी गयी। सोना हाजिर 7.6 डॉलर लुढ़ककर 1,173 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। कारोबार की समाप्ति पर फरवरी का अमेरिका सोना वायदा भी 8.4 डॉलर की गिरावट के साथ 1,172.9 डॉलर प्रति औंस बोला गया। बाजार विश्लेषकों के मुताबिक, डॉलर में लौटी तेजी से सप्ताहांत पर पीली धातु कमजोर पड़ी है। इस बीच लंदन में चांदी हाजिर कारोबार की समाप्ति पर 16.46 डॉलर प्रति औंस पर रही।
स्थानीय बाजार में भी तेजी
स्थानीय बाजार में गत दिवस की 10 रुपये की गिरावट के बाद पीली धातु में तेजी रही। सोना स्टैंडर्ड 30 रुपये चमककर 06 दिसंबर के बाद के उच्चतम स्तर 28,740 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। सोना बिटुर भी इतनी ही मजबूती के साथ 28,590 रुपये प्रति दस ग्राम बोला गया। आठ ग्राम वाली गिन्नी 24,200 रुपये के शुक्रवार के भाव पर टिकी रही।
औद्योगिक मांग में तेजी
चांदी की औद्योगिक मांग आने से इसमें तेजी रही। चांदी हाजिर 350 रुपये तथा चांदी वायदा 230 रुपये की छलांग लगाकर क्रमश: 40,450 रुपये और 40,340 रुपये प्रति किलोग्राम बोली गयी। हालांकि, सिक्कों में कोई बदलाव नहीं हुआ। सिक्का लिवाली और बिकवाली क्रमश: 71 हजार तथा 72 हजार रुपये प्रति सैकड़ा पर अपरिवर्तित रहे। कारोबारियों ने बताया कि सोने की स्थानीय मांग में मामूली सुधार हुआ है जिससे इसे बल मिला है। चांदी की औद्योगिक मांग मजबूत रही, हालांकि इसमें पिछले कुछ समय से निरंतरता का अभाव है।