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इस बार मानसून में औसत से अधिक होगी बारिश : मौसम विभाग

Published: Apr 13, 2016 12:48:00 am

मौसम विभाग की ओर से  जारी दक्षिण पश्चिमी मानसून के पूर्वानुमान मे कहा गया है कि इस बार मानसून की वर्षा सामान्य से काफी अधिक रहने की संभावना है

Rainfall

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नई दिल्ली। लगातार दो साल सूखा पडऩे के बाद देश में 2016 में औसत से अधिक मानसूनी बारिश होने की संभावना है। यह जानकारी मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से मंगलवार को जून-सितंबर मानसून ऋतु के लिए जारी प्रथम पूर्वानुमान में दी गई। मौसम विभाग के निदेशक लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने यहां जारी एक बयान में कहा, 2015 में औसत से 14 फीसदी कम बारिश हुई थी, जबकि 2016 में औसत से छह फीसदी अधिक बारिश हो सकती है। लगातार दो साल सूखा पडऩे के बाद यह वर्ष बेहतर हो सकता है।

मौसम विभाग ने कहा है कि जून से सितंबर तक, मानसून के चारो महीने में सामान्य से अधिक वर्षा होगी। विभाग ने साथ ही अधिक बारिश होने की स्थिति में बाढ़ आने की भी चेतावनी दी है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक सामान्य
मानसूनी बारिश की संभावना 30 फीसदी है, औसत से अधिक मानसूनी बारिश की संभावना 34 फीसदी है और अत्यधिक बारिश की संभावना 30 फीसदी है। वहीं औसत से कम बारिश की संभावना पांच फीसदी और काफी कम बारिश की संभावना एक फीसदी है।

निजी क्षेत्र की मौसम पूर्वानुमानन कंपनी स्काईमेट ने भी मानसूनी बारिश के औसत से अधिक रहने की संभावना जाहिर की है। इस भविष्यवाणी को बाजार ने काफी सकारात्मक रूप से लिया है। शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों में तेजी दर्ज की गई।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 123.43 अंकों की तेजी के साथ 25,145.59 पर बंद हुआ। सोमवार को भी सेंसेक्स में 348 अंकों की तेजी रही थी। मानसून का देश की बारिश में 75 फीसदी योगदान होता है और यह कृषि क्षेत्र की आधी जरूरत को पूरी करता है। यह देश के जलाशयों के भरने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

राठौड़ ने कहा, मानसूनी बारिश औसत की 104-110 फीसदी रह सकती है और कुल मिलाकर मानसून देश में सभी जगहों पर सक्रिय रहेगा। उन्होंने हालांकि पूर्वोत्तर और पूर्व तटीय क्षेत्रों में मानसूनी बारिश थोड़ी कम रहने की संभावना भी जताई। उन्होंने साथ ही कहा कि मानसून के आगमन से दो सप्ताह पहले हालांकि अधिक स्पष्ट आंकड़े मिल सकेंगे।

राठौड़ ने कहा, हर सूरत में हम आंकड़ों के पांच फीसदी कम या अधिक रहने की संभावना मानकर चलते हैं। इसलिए अत्यधिक बारिश की भी संभावना है। औसत से अधिक बारिश की स्थिति में बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि दक्षिण महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में पिछले साल भयंकर सूखा पड़ा। इस साल इन क्षेत्रों में काफी मानसूनी बारिश होने की उम्मीद है।

राठौड़ ने कहा, गत 31 साल से मानसूनी बारिश कम रही है। लेकिन, आने वाला समय बेहतर होने वाला है। लेकिन, उन्होंने देश के पश्चिम और भारतीय प्रायद्वीप से बाहर की अन्य मौसमी परिस्थितियों से वास्तविक बारिश के प्रभावित होने की
संभावना को भी इनकार नहीं किया।
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