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सरकारी बैंकों का दिया 1.14 लाख करोड़ रुपए का कर्ज डूबा

Published: Feb 09, 2016 08:16:00 am

आरबीआई की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से 2015 के वित्तीय वर्षों
में बैंकों से करीब 1.14 लाख करोड़ रुपए लोन के तौर पर दिए गए

RBI Governor

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नई दिल्ली। देश के 29 बैंकों से दिए गए लोन के जो आंकड़े सामने आए हैं वह चौंकाने वाले हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से 2015 के वित्तीय वर्षों में बैंकों से करीब 1.14 लाख करोड़ रुपए लोन के तौर पर दिए गए, जिसकी वापसी की उम्मीद धूमिल पड़ चुकी है।

यह रकम बैंकों के बीते 9 साल के रिकॉर्ड से कई गुना ज्यादा है। मार्च 2012 में वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर आरबीआई के आंकड़ों से पता चला था कि कर्ज के तौर पर दिए गए बैंकों के करीब 15,551 करोड़ रुपए वापस आने की उम्मीद नहीं हैं। मार्च 2015 तक यह आंकड़ा तीन गुना बढ़कर 52,542 करोड़ रुपए हो तक पहुंच गया।

आरबीआई के पास भी नहीं
बैंकों से कर्ज लेकर वापस न करने वालों में कौन लोग शामिल हैं, ये व्यक्तिगत हैं या फिर कोई बिजनेसमैन और उन्होंने अब तक बैंकों को कितना घाटा पहुंचाया है, इस संबंध में आरबीआई ने कहा, कर्ज लेकर वापस न करने वालों में सबसे बड़ा नाम किसका है इसकी जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है, क्योंकि बैंक डूबे हुए पैसों का संयुक्त आंकड़ा ही पेश करते हैं।

सिर्फ दो बैंकों ने दिया ऐसा कोई लोन
बीते पांच सालों में सिर्फ दो बैंकों स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र और स्टेट बैंक ऑफ इंदौर ने ऐसा कोई लोन पास नहीं किया है, जिसमें पैसा डूब गया हो।

85 फीसदी तक बढ़ गए मामले
दूसरे शब्दों में कहें तो साल 2004 से 2012 के बीच इस तरह के लोन का आकंड़ा 4 फीसदी था, जो 2013 से 2015 के बीच बढ़कर 60 फीसदी हो गया। वित्तीय वर्ष 2015 की समाप्ति पर बैंकों से लिए गए कर्ज को वापस न करने के मामले 85 फीसदी तक बढ़ गए। इस संबंध में आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने चिंता जताई है। उन्होंने सरकारी बैंकों को लगातार हो रहे घाटे से उबारने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया।

सस्ते लोन के दुरुपयोग से परेशानी
रिजर्व बैंक ने कृषि लोन के ब्याज पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म करने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि सरकार अगर ऐसा करती है तो बैकों की मुश्किलें बढ़ सकती है।

आरबीआई ने कृषि लोन पर ब्याज सब्सिडी खत्म करने की सिफारिश की है यानी घर-कार और खेती का लोन दर एक बराबर करने पर विचार हो सकता है। आरबीआई ने ने खेती पर मिलने वाले लोन पर ब्याज सब्सिडी खत्म करने की सिफारिश की है। आरबीआई ने सरकार को लोन पर ब्याज सब्सिडी खत्म करने का प्रस्ताव दिया है।

फिलहाल 3 लाख के लोन पर 7 फीसदी ब्याज लगता है जिसमें से करीब 2-3 फीसदी की सब्सिडी सरकार दे रही है। 3 लाख से ज्यादा को लोन पर ब्याज पर कोई सब्सिडी नहीं दी जा रही है। आरबीआई के प्रस्ताव के मुताबिक लोन सब्सिडी से बची रकम का इस्तेमाल खेती के बीमा को तौर पर होना चाहिए। सरकार को एग्री बीमा के लिए करीब 12,500 करोड़ की सहायता मिलेगी।

बढ़ सकती हैं मुश्किलें
हालांकि अगर सरकार ने आरबीआई का ये सुझाव माना तो बैंकों की मुश्किल बढ़ सकती है क्योंकि बैंको के एग्री लोन का डिफॉल्ड बढ़ सकता है। आरबीआई को सस्ते लोन के दुरप्रयोग से परेशानी हो रही है इसीलिए ये प्रस्ताव लाया गया है।

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