1 जनवरी 2016 से लागू हो सकता है जीएसटी : जेटली
वैश्विक मंदी
से दुनिया भर में छायी सुस्ती के बावजूद भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत
की दर से विकास किया
अहमदाबाद। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने नरेन्द्र मोदी सरकार के पहले साल की उपलब्धियों को देश की छवि को सुधारने और अर्थव्यवस्था में उत्साह को बढ़ाने वाला बताते हुए कहा कि अगले एक साल में सरकार की प्राथमिकता आधारभूत संरचना तथा सामाजिक सुधारों को बेहतर बनाने पर जोर होगा। जेटली ने सर्किट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगले एक साल में सरकार ग्रामीण आधारभूत संरचना को बेहतर करने पर जोर देगी और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली योजनाओं पर काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान अनिर्णय की स्थिति थी और पारदर्शिता की कमी एवं घोटालों आदि से न केवल आर्थिक प्रगति धीमी पड़ी थी और निवेशकों का विश्वास कम हुआ था, बल्कि देश की छवि भी खराब हुई थी। मोदी सरकार के एक साल के भीतर छवि और आर्थिक माहौल दोनों में उत्साहजनक इजाफा हुआ है। वैश्विक मंदी से दुनिया भर में छायी सुस्ती के बावजूद भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत की दर से विकास किया है जो इस साल और बढेगा। अर्थव्यस्था सुधर रही है और भारत का एक नया रूप दुनिया के सामने आ रहा है।
वित्त मंत्री ने दावा किया कि मोदी सरकार ने पहले साल में महंगाई को भी नियंत्रित किया है। सरकार कर प्रणाली में सुधार और कारोबार की सहूलियत (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) के लिए कई कदम उठा रही है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा कर सुधार पहल है और इसके लागू होने पर लंबी समयावधि में चीजों की कीमतें भी कम होगी। उन्होंने कहा कि विरोधी दल कांग्रेस ने ही जीएसटी की पहल की थी पर अब वह इसे लागू कराने में पूरा सहयोग नहीं कर रही और वह अपने समय के कई अन्य विधेयकों जैसे रियल इस्टेट बिल आदि पर भी विरोधी रवैया अपना रही है। जेटली ने कहा कि जीएसटी 1 जनवरी 2016 से लागू हो सकता है।
जेटली ने कहा कि कृषि क्षेत्र में मौसम पर निर्भर किसानों की सुरक्षा के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं और कुछ और उठाए जा रहे हैं। जन धन योजना के जरिए 15 करोड़ गरीब लोगों के बैंक खाते खोले गए हैं। छोटे उद्यमो, जो लोगों को बडे उद्योगों से अधिक रोजगार देते हैं, उनकी मदद तथा देश में बीमा कवर को मौजूदा करीब 20 प्रतिशत से बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। पेंशन सुविधा जैसे सामाजिक सुरक्षा का भी विस्तार किया जा रहा है। देश के संघीय ढांचे को मजबूत बनाने के लिए राज्यों को अधिक धन मुहैया कराने जैसे कदमों का विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य सरकारें भी स्वागत कर रही है।
उन्होंने कहा कि देश की बैंकिंग व्यवस्था को और मजबूत तथा पारदर्शी बनाने के लिए बैंकिंग ब्यूरों के गठन समेत कई उपाय किए जा रहे हैं। एक प्रश्न पर जेटली ने कहा, “जिस तरह की परिस्थितयां बन रही है उससे टैक्स हेवन जैसी अवधारणा का अंत नजदीक है। भारत सरकार स्विस बैंक की गोपनीयता को तोड़ने का प्रयास कर रही है और इस दिशा में कुछ प्रगति भी हुई है। स्विस बैंक हमें खाताधारकों के बारे में कुछ जानकारी देने को तैयार हो गया है। उसकी ओर से हाल में जाहिर भारतीय खाताधारकों के मामले में भी उचित कार्रवाई होगी।”
जेटली ने राष्ट्रपित प्रणव मुखर्जी की ओर से हाल में बोफोर्स घोटाले के बारे में दिए बयान पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया, हालांकि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर उन्हें 2जी मामले में धमकी देने के पूर्व ट्राई अध्यक्ष प्रदीप बैजल के बयान पर कहा कि वह एक अच्छे अधिकारी है। उनके साथ काम करने का उनका व्यक्तिगत अनुभव बहुत अच्छा रहा है। पर चूंकि उन्होंने उनकी किताब पढ़ी नहीं है इ सलिए वह अधिक कुछ नहीं कह सकते।
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