भारतीय रेल विश्व में चौथी सबसे बड़ी रेल नेटवर्क और नौेकरी के मामले मे आठवीं सबसे बड़ी नियोक्ता है। लाखो लोग हर रोज भारतीय रेल से यात्रा करते है। पहले, रेल में माल और यात्रियों के परिवहन पर सर्विस टैक्स लगता था।
नई दिल्ली। भारतीय रेल विश्व में चौथी सबसे बड़ी रेल नेटवर्क और नौेकरी के मामले मे आठवीं सबसे बड़ी नियोक्ता है। लाखो लोग हर रोज भारतीय रेल से यात्रा करते है। पहले, रेल में माल और यात्रियों के परिवहन पर सर्विस टैक्स लगता था। लेकिन भारतीय रेल का 70 फीसदी किराया सरकार वहन करती है और इसीलिए केवल 30 फीसदी किराये पर ही सर्विस टैक्स देना पड़ता था। और इस प्रकार आपको 30 फिसदी किराये का 15 फीसदी, यानी आपको अपने कूल किराये का केवल 4.5 फीसदी ही देना होता था।
जीएसटी के तहत रेल परिवहन पर लगा जीएसटी दर
सरकार द्वारा लगाए गए जीएसटी दर के हिसाब से रेल किराए को 5 फीसदी के टैक्स स्लैब में रखा गया है।
यात्रियों के लिए रेल परिवहन
यात्रियों के लिहाज से देखे तो रेल परिवहन से यात्रियों को जीएसटी का लाभ नहीं मिलेगा। पहले जहाँ यात्रियों को अपने टिकट पर 4.5 फीसदी किराया देना पड़ता था वही अब 5 फीसदी दें पड़ेगा। असल में पहले के अपेक्षा रेल किराये में 0.5 के टैक्स बढ़ने से रेल किराये में बढ़ोतरी होगी। हालाँकि अगर आप बिज़नेस के उद्देश्य से यात्रा कर रहे है तो आप अपने टिकट पर लगे टैक्स को आउटपुट टैक्स लाइबिलिटी के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट के तौर पर क्लेम कर सकते है।
सामान के लिए परिवहन
रेलवे सेक्टर को जीएसटी से बुरी तरह से भाड़ा लोडिंग से डर था। रेलवे भाड़ा परिवहन के कई चेकपॉइंट्स पर न रुकने के अपने फायदे के बावजूद भी रोड परिवहन से पिछड़ा हुआ था। रेलवे के अलग-अलग अनुपालन और कागज़ी करवाई से बचने के लिए व्यापपरियों ने सड़क परिवहन को रेलवे परिवाहन के अपेक्षा प्राथमिकता दी।
रेलवे द्वारा सामान और यात्रियों के किराये पर अब 5 फीसदी का किराया लगेगा। हालांकि ये पहले के टैक्स रेट से ज्यादा लग रहा है लेकिन रेलवे ट्रांसपोर्ट पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के उपलब्धता के बाद जीएसटी लाईबिलिटी निचे चला जायेगा। यह विशेष रूप से रेलवे के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेंसियों (जैसे ट्रकों) के माध्यम से परिवहन पर कोई इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध नहीं है।