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लोकसभा में पेश किया गया जीएसटी विधेयक

Published: Apr 24, 2015 02:55:00 pm

केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को पूरे देश में एक वस्तु एवं सेवा कर विधेयक लोकसभा में पेश किया

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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को पूरे देश में एक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू किए जाने से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया। संविधान (122वां संशोधन) विधेयक-2014 को लोकसभा में पेश किए जाने का विपक्ष ने यह कह कर विरोध किया कि चूंकि इसके कुछ प्रावधानों को बदला गया है, इसलिए इसे संबंधित स्थायी समिति के पास भेजा जाए।

जेटली ने हालांकि कहा कि उन्होंने पहले भी 19 दिसंबर, 2014 को इसे लोकसभा में पेश किया था और सदस्यों से अपील की कि इस पर विचार कर इसे पारित करें। उन्होंने कहा, “देश की प्रगति बाधित करने का किसी के पास कोई विशेषाधिकार नहीं है।” विधेयक पर अगले सप्ताह बहस होगी।

सरकार नई कर व्यवस्था को अगले कारोबारी साल से लागू करना चाहती है। जेटली ने कहा कि नई व्यवस्था से मौजूदा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की विसंगतियां दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह राज्य और केंद्र दोनों के लिए फायदे का है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अभी राज्यों को सेवा कर में कोई हिस्सा नहीं मिलता। यह पूरा का पूरा केंद्र के पास चला जाता है। लेकिन नई व्यवस्था के तहत राज्यों को भी सेवा कर में एक हिस्सा मिलेगा।”

मंत्री ने कहा कि जीएसटी के तहत हर फैसले के लिए विधेयक में प्रस्तावित नए आयोग की 70 फीसदी बहुमत से मंजूरी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि यह सहयोगात्मक संघवाद का एक उदाहरण होगा। संविधान में संशोधन के लिए विधेयक को संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से पारित कराने की जरूरत होती है। साथ ही उसके बाद कम से कम 15 राज्यों की विधानसभाओं द्वारा भी इसे पारित कराना होता है। उसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाता है। नई व्यवस्था के तहत वसूले गए कर में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी संसद द्वारा मंजूर किए गए एक फार्मूले के तहत होगी, जिसकी सिफारिश नए कानून द्वारा स्थापित जीएसटी आयोग करेगा।

जीएसटी से जीडीपी बढ़ेगा और कर चोरी पर अंकुश लगेगा : जेटली

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को कर सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम करार देते हुए आज कहा कि इससे न केवल विभिन्न प्रकार के परोक्ष करों से उपभोक्ताओं को निजात मिलेगी, बल्कि इससे देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी बढ़ेगा और कर चोरी पर भी अंकुश लगेगा। जेटली ने कहा कि इस पर अमल आजादी के बाद कर सुधार की दिशा में उठाया गया सबसे बड़ा कदम साबित होगा।

उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से बिक्री, उत्पाद और सेवा कर सहित अनेक कर समाप्त हो जाएंगे और परिणामस्वरूप वस्तुएं और सेवाएं भी सस्ती होंगी। उन्होंने राज्य सरकारों को आश्वस्त किया कि जीएसटी के प्रावधानों में इस तरह के उपाय किए गए हैं, जिससे उनके राजस्व में कोई कमी नहीं होगी, बल्कि सेवा करों के कारण उनका राजस्व उल्टे बढ़ेगा, क्योंकि अब तक सेवा कर पर केंद्र का हक हुआ करता था। जीएसटी से संबंधित 122वां संविधान संशोधन विधेयक गत वर्ष 19 दिसम्बर को सदन में पेश किया गया था।
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