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इस साल चीन से तेज होगी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार

Published: Jan 10, 2016 03:51:00 pm

उम्मीद जताई जा रही है कि वर्ष 2016 में भारत 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा

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नई दिल्ली। जहां एक तरफ चीन की अर्थव्यवस्था का ग्राफ तेजी से गिर रहा है, वहीं दूसरी तरफ उम्मीद लगाई जा रही है कि इस साल भारत उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला देश होगा। उम्मीद जताई जा रही है कि वर्ष 2016 में भारत 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा। यह लगातार दूसरा साल होगा जब भारत की आर्थिक वृद्धि चीन की आर्थिक वृद्धि से अधिक होगी। यह बात वैश्विक परामर्श कंपनी पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट में कही गई है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सं केवल भारत के ही इस साल के दौरान दीर्घकालिक औसत वृद्धि दर के मुकाबले तेज वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। 7 उभरती अर्थव्यवस्थाओं – चीन, भारत, ब्राजील, मेक्सिको, रूस, इंडोनेशिया और तुकी, में से भारत का ही प्रदर्शन सबसे अच्छा रहने की उम्मीद है, जबकि ब्राजील और रूस की अर्थव्यवस्था में संकुचन व चीन की अर्थव्यवस्था में नरमी आएगी।

PWC ने कहा, हमें उम्मीद है कि भारत लगातार दूसरे साल चीन से ज्यादा तेजी से वृद्धि दर्ज करेगा और वास्तविक वृद्धि दर्ज करीब 7.7त्न रहेगी। इस साल जी7 अर्थव्यवस्थाओं (अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा) के 2010 के बाद से अब पहली बार सबसे अधिक तेज वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। इसके उलट 7 उभरती अर्थव्यवस्थाएं अपने रूझान के मुकाबले धीमी वृद्धि दर्ज करेंगी लेकिन जी-7 के मुकाबले फिर भी तेज रहेंगी।

पीडब्ल्यूसी ब्रिटेन के मुख्य अर्थशास्त्री जॉन हॉक्सवर्थ ने कहा, हमें उम्मीद है कि अमेरिका में 2016 के दौरान ज्यादा तेजी से सुधार होगा जबकि ब्रिटेन में उपभोक्ता केंद्रित वृद्धि बरकरार रहेगी। हमें कम से कम यूरोक्षेत्र संकट के अंत की शुरुआत की उम्मीद है। एक समय बेहद मजबूत रहे ब्रिक्स के लिए 2016 मुश्किल वर्ष रहेगा हालांकि भारत इनमें अपवाद रहेगा। क्कङ्खष्ट के मुताबिक 2016 में चीन की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घटकर 6.5% रहेगी क्योंकि विनिर्माण एवं निर्यात में वृद्धि दर धीरे-धीरे कम होगी। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत हालिया सुधार का लाभ उठाना बरकरार रखेगा। PWC ने कहा, भारत के केंद्रीय बैंक के पिछले साल नीतिगत दर 8% से घटाकर 6.75% करने से इस साल खपत और निवेश के समर्थन में मदद मिलेगी।
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