मूडीज के अनुसार सीपीआई पर आधारित इन्फ्लेशन में तेज उछाल की बड़ी वजह बेस इफेक्ट है। मूडीज एनालिटिक्स के सहायक अर्थशास्त्री फराज सैयद ने शोध नोट में कहा, “हमारा अभी भी मानना है कि केंद्रीय बैंक 2015 में ब्याज दरों में एक और कटौती करेगा।
आधिकारिक आंकड़ो के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति जून में बढ़कर 5.4 प्रतिशत पर पहुंच गई है, यह इसका आठ माह का उच्चस्तर है। मई में यह 5.01 प्रतिशत पर थी।
मूडीज के मुताबिक, “सीपीआई बेस्ड इन्फ्लेशन ज्यादा है, लेकिन आरबीआई 4 अगस्त को अगली मॉनेटरी पॉलिसी के रिव्यू में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।”