scriptमुद्दे सुलझने से बैंकों पर घटेगा दबाव : जेटली | Solving issues will help in easing pressure on banks : Arun Jaitley | Patrika News

मुद्दे सुलझने से बैंकों पर घटेगा दबाव : जेटली

Published: Nov 24, 2015 10:42:00 am

सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करने के बाद जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा, सरकारी बैंकों की सेहत पर चर्चा हुई

Arun jaitley

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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि विभिन्न सेक्टरों के मुद्दे सुलझने से बुरे ऋण के कारण सरकारी बैंकों द्वारा झेला जा रहा दबाव धीरे-धीरे कम होता जाएगा। सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करने के बाद जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा, सरकारी बैंकों की सेहत पर चर्चा हुई। खासकर पहले से चली आ रही समस्याओं जैसे गैर
निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) और बुरे ऋण पर चर्चा हुई।

वित्तमंत्री ने कहा, समस्या आगे बनी रहती हैं, लेकिन एनपीए की स्थिति बेहतर होगी। बिजली क्षेत्र में सुधार होने के बाद वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के कारण पैदा हुआ दबाव खत्म हो जाएगा। राजमार्ग क्षेत्र की स्थिति बेहतर होनी शुरू हो गई है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि बैंक अधिकारियों ने इस्पात और एल्यूमीनियम क्षेत्रों के बारे में कुछ सुझाव दिए हैं। इस्पात क्षेत्र की समस्याओं और सरकार द्वारा इससे संबंधित उठाए गए कदमों पर भी चर्चा हुई। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजस्व विभाग के साथ मिलकर बैंकों के लिए और कदम उठाएंगे।

जून अंत तक सरकारी बैंकों का एनपीए बढ़कर 6.03 फीसदी हो गया था, जो मार्च 2015 में 5.20 फीसदी था। उन्होंने कहा, बैंकों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के सुझाए गए कदमों के कार्यान्वयन से स्थिति बेहतर होगी। सरकार भी विभिन्न क्षेत्रों की समस्या दूर करने के लिए काम कर रही है।

जेटली ने मौजूदा कारोबारी साल में बैंकों में निवेश के लिए बजट में 7,940 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। उन्होंने कहा कि इसकी पहली खेप बैंकों में जा चुकी है। गत महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगले कुछ साल में सरकार सरकारी बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपये का संचार करेगी।

जेटली ने सितंबर में कहा था कि सरकार सरकारी बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 52 फीसदी करने पर विचार कर सकती है। जेटली ने सोमवार को तिमाही समीक्षा में विलफुल डिफाउल्टर (इरादतन ऋण नहीं चुकाने वाले) के मुद्दे पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्जधारकों से निपटने के लिए बैंक के पास पूरे अधिकार और स्वायत्तता है।

उन्होंने कहा, जब हमने उन क्षेत्रों पर चर्चा की, जिसमें एनपीए का स्तर काफी अधिक है, तो कुछ विशेष डिफाउल्टरों पर भी चर्चा हुई। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा विजय माल्या को किंगफिशर को दिया गया 7,000 करोड़ रुपए का कर्ज नहीं चुकाने पर विलफुल डिफाउल्टर घोषित करने से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, बैंकों के पास आज ऐसे डिफाउल्टरों पर कार्रवाई करने के लिए पूरा अधिकार, स्वायत्तता और शक्ति है।

बैठक के बाद वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, मंत्री ने बैंकों से गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के पुराने घाव से उबरने के लिए और जल्द से जल्द अपने बैलेंस शीट ठीक करने के

लिए कहा।
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