scriptगोल-गप्पे बेचने वाले भी मिडिल क्लास में शामिल | Streat vendors are new middle class citizens in India | Patrika News

गोल-गप्पे बेचने वाले भी मिडिल क्लास में शामिल

Published: Jul 26, 2016 12:37:00 pm

भारत में अब नए मिडिल क्लास लोग जुड़ गए हैं। ये वो लोग हैं जो पहले गरीबों की श्रेणी में आते थे

golgappe wala

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मुंबई। भारत में अब नए मिडिल क्लास लोग जुड़ गए हैं। ये वो लोग हैं जो पहले गरीबों की श्रेणी में आते थे। भारत के नए मिडिल क्लास लोग गोल-गप्पे बेचने वाले, डोसा बेचने वाले, कारपेंटर, वेल्डर्स, ड्राइवर और केबल ऑपरेटर जैसा काम करने वाले हैं। इन सभी लोगों ने अपने जीवन स्तर को पिछले कुछ सालों में बेहतर किया है। ये लोग गरीबी रेखा से निकलकर अब नए मिडिल क्लास लोग बन गए हैं।

अब परिवार के सभी लोग कमा रहे हैं
मुंबई यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इकोनोमिक के प्रोफेसर नीरज हटेकर, किशोर मोरे और संध्या कृष्णा ने मिलकर एक रिसर्च की। इस पेपर का विषय था द राइस ऑफ द मिडिल क्लास एंड द रोल ऑफ ऑफशोरिंग सर्विसेज।



लोगों के पास बढ़ीं सुविधाएं
इस अध्ययन में निम्न मध्यम वर्ग में ऐसे परिवारों को शामिल किया गया है जिनका रोजाना प्रति व्यक्ति उपभोग खर्च करीब 134 रुपए से 268 रुपए के बीच है। वहीं गरीब परिवारों का रोजाना प्रति व्यक्ति खर्च 134 रुपए से भी कम होता है। सामाजिक वैज्ञानिक वेंकटेश कुमार कहते हैं कि ये अध्ययन ठीक है। अब भारत में मध्यम वर्गीय लोग सभी वर्गों में बढ़ रहे हैं। ये सर्वे स्कूल ऑफ इकोनोमिक करीब 800 परिवारों पर ये सर्वे किया गया। मिडिल क्लास लोग अब अपनी सुविधाएं बढ़ा रहे हैं।

जनसंख्या के 50 त्न बने मिडिल क्लास

इस अध्ययन को करने वाले प्रो. हटेकर कहते हैं कि इन लोगों के आकांक्षाओं से जुड़े हुए खर्चे अलग-अलग हैं। गरीब लोगों और निम्न मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं में भी बहुत अंतर है। नए मिडिल क्लास श्रेणी में ज्यादातर निम्न मध्यम वर्ग के लोग शामिल हैं। वहीं निम्न मध्यम वर्ग के लोग अब उच्च मध्यम वर्ग में तब्दील हो गए हैं। ये बदलाव 2005 से 2012 के बीच में आया है। भारत की जनसंख्या में पहले करीब 28 प्रतिशत मध्यम वर्ग के लोग थे।


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