तीन प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य एक चुनौती : जेटली
Published: Apr 25, 2015 10:31:00 am
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि 2017-18 तक 3% राजकोषीय घाटे का लक्ष्य
हासिल करना चुनौती है
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि 2017-18 तक तीन प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करना सरकार के लिए एक चुनौती है। जेटली ने लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में कहा, “मुझे खुशी है कि हमने पिछले वर्ष 4.1 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल किया है। तीन प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने के रास्ते में विभिन्न चुनौतियां हैं।”
राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने की चुनौतियों में भुगतान आयोग की आगामी रपट के साथ ही केंद्रीय करों के विभाज्य कोटे से राज्यों को अतिरिक्त 10 प्रतिशत कोष प्रदान करना शामिल है, जिसकी सिफारिश वित्त आयोग ने की थी और केंद्र ने उसे स्वीकार कर लिया है। वित्त मंत्री के अनुसार, एक अन्य चुनौती अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और विकास दर को बढ़ावा देने की है। इसके लिए उन्होंने मौजूदा वित्त वर्ष में अधोसंरचना के क्षेत्र में 70,000 करोड़ रूपये निवेश का लक्ष्य रखा है।
जेटली ने कहा, “अधोसंरचना के अलावा जिस किसी अतिरिक्त संसाधन को हमें मजबूत करना है, वह है सिंचाई।” जेटली ने फरवरी में पेश किए गए अपने पूर्ण बजट में राजकोषीय घाटे को तीन प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा था। अगले तीन वर्षो के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, उनमें 2015-16 के लिए 3.9 प्रतिशत, 2016-17 के लिए 3.5 प्रतिशत और 2017-18 के लिए 3.0 प्रतिशत लक्ष्य शामिल हैं।
जेटली ने कहा कि किसी वित्त मंत्री के लिए चुनौती विकास दर संतुलित करने और राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने की होती है। उन्होंने कहा, “यदि राजकोषीय अनुशासन अगले तीन वर्षो के दौरान स्थापित हो गया तो राजकोषीय घाटा बेहतर स्थिति में होगा।”