ग्रामीण अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है और इसे रिफॉर्म और ग्राउंड लेवल डिलिवरी के जरिए ठीक करने की जरूरत है: मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मानते हैं कि देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है और इसे रिफॉर्म और ग्राउंड लेवल डिलिवरी के जरिए ठीक करने की जरूरत है। इस पहल के तहत बटाईदार किसानों को सामान्य किसानों का दर्जा दिया जा सकता है। इससे उन्हें बैंक और दूसरी सरकारी एजेंसियों से सस्ता लोन, फसल बीमा और दूसरे फायदे भी मिल पाएंगे।
कौन होते हैं बटाईदार?
जो किसान दूसरों की जमीन पर तय पैसे या फसल के हिस्से के बदले खेती करते हैं, उन्हें बटाईदार कहा जाता है। यूं तो बटाईदार किसानों की संख्या सिर्फ 4 पर्सेंट मानी जाती है, लेकिन सच्चाई यह नहीं है। भारत में 25 फीसदी खेती बटाईदारों के जरिए होती है। इसमें सभी जोखिम बटाईदार उठाते हैं जबकि उन्हें मेहनत का पूरा इनाम नहीं मिलता है। इन लोगों को सरकारी स्कीमों के फायदे भी नहीं मिल पाते हैं।
बढ़ रहा है बटाई का ट्रेंड
देश के कुछ राज्यों में बटाई पर खेती करने की मनाही है, लेकिन इसके बावजूद इसका ट्रेंड बढ़ रहा है। इससे ऐग्रीकल्चर सेक्टर में लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट बहुत कम है। जमीन मालिक एक बटाईदार को कुछ साल के लिए ही खेती करने देते हैं। उन्हें डर होता है कि अधिक समय तक खेती करने देने पर उन्हें जमीन वापस लेना मुश्किल हो जाएगा।
लीगल एग्रीमेंट से खत्म हो जाएगा डर
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि बटाईदारों और जमीन मालिकों के बीच लीगल अग्रीमेंट से यह डर खत्म हो जाएगा। इससे बटाईदारों के लिए सस्ते लोन का रास्ता साफ होगा। केंद्र के इस tकानून को राज्यों को अपनाना होगा। इस मामले पर अगले महीने नीति आयोग की एक कमिटी रिपोर्ट भी जारी कर सकती है।
सुधरेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था?
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के लिए इससे पहले कुछ कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा हम एक और पैकेज पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 29 फरवरी के बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सबसे अधिक फोकस हो सकता है। लगातार दो साल मॉनसून की बारिश कम रहने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो गई है। फाइनैंशल इयर 2015-16 में ऐग्रीकल्चरल प्रॉडक्शन माइनस 0.2 पर्सेंट रहा। वहीं, फाइनैंशल इयर 2016 की पहली छमाही में इसमें सिर्फ 2 फीसदी की ही बढ़ोतरी हुई।
बजट में मिलेगा कुछ खास?
संभावनाएं हैं कि वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट में बटाईदारों को आम किसान का दर्जा देने का ऐलान कर सकते हैं। जिससे उन्हें दूसरे की जमीन पर खेती के लिए कर्ज, इंश्योरेंस और दूसरी सुविधाएं मिल सकेंगी। इसके लिए सरकार नए कानून का ऐलान कर सकती है। इस पहल के जरिये उसका इरादा ऐग्रीकल्चर सेक्टर में निवेश बढ़ाना है। नए कानून के तहत जमीन मालिकों और किसानों के बीच टिनेंसी एग्रीमेंट्स के डिजिटल रजिस्ट्रेशन का रास्ता साफ होगा।