रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को संसद की वित्त संबधी स्थायी संसदीय समिति से कहा कि 08 नवंबर की आधी रात से 500 रुपए और एक हजार रुपए के पुराने नोटों का प्रचलन बंद किए जाने के बाद से अब तक 9.2 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नये नोट तंत्र में डाले जा चुके हैं।
नई दिल्ली. रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को संसद की वित्त संबधी स्थायी संसदीय समिति से कहा कि 08 नवंबर की आधी रात से 500 रुपए और एक हजार रुपए के पुराने नोटों का प्रचलन बंद किए जाने के बाद से अब तक 9.2 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नये नोट तंत्र में डाले जा चुके हैं।
पटेल कांग्रेस सदस्य एम. वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष पेश हुए और नोटबंदी पर समिति के सदस्यों के सवालों के जबाव दिए। उनसे नोटबंदी, उसका अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और नकदी की तंगी से निपटने के लिए केन्द्रीय बैंक द्वारा किये गये उपायों के बारे में पूछा गया था।
समिति के सदस्य तृणमूल कांग्रेस के सुगाता रॉय ने कहा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर किसी भी सवाल के स्पष्ट जबाव नहीं दे सके और केन्द्रीय बैंक के अधिकारी रक्षात्मक रुख में दिखे। उन्होंने कहा कि पटेल यह नहीं बता सके कि नोटबंदी के बाद बैंकों में कितनी राशि जमा हो चुकी है। वह यह भी नहीं बता सके कि कब तक स्थिति सामान्य हो जायेगी।
सूत्रों ने कहा कि समिति ने नोटबंदी के निर्णय से जुड़े कई सवाल पूछे और रिजर्व बैंक की स्वायत्ता को लेकर भी सवाल पूछे गये। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति को बताया कि नोटबंदी की प्रक्रिया पर जनवरी 2016 में ही चर्चा शुरू हो गयी थी। कालेधन या अघोषित आय के साथ ही आतंकवाद के वित्त पोषण और नकली नोटों की समस्या से निपटने के उद्देश्य से नोटबंदी का निर्णय लिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ङ्क्षसह भी इस समिति के सदस्य हैं।
ङ्क्षसह ने नोटबंदी की कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि इससे आर्थिक विकास में दो फीसदी तक की कमी आ सकती है। पटेल के साथ ही आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास, राजस्व सचिव हसमुख अधिया, आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर और पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऊषा अनंतसुब्रमण्यम तथा भारतीय स्टेट बैंक और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के अधिकारी भी मौजूद थे। पटेल इन्हीं मुद्दों पर 20 जनवरी को कांग्रेस सदस्य के.वी. थॉमस की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति के समक्ष पेश होंगे।