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शिक्षकों के प्रशिक्षण से संबंधी विधेयक लोकसभा में पारित

Published: Jul 22, 2017 12:21:00 pm

HRD मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा के स्तर में किस तरह से सुधार लाया जा सकता है सरकार इसके लिए तैयार है

Prakash Javadekar

Prakash Javadekar

नई दिल्ली। प्रशिक्षित शिक्षकों के जरिए शिक्षा का विस्तार करने और इसकी गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करने संबंधी नि:शुल्क और अनिर्वाय बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) विधेयक को लोकसभा ने शुक्रवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि शिक्षा के स्तर में
किस तरह से सुधार लाया जा सकता है सरकार इसके लिए तैयार है। इस संबंध में जो भी सुझाव आएंगे सरकार उन पर सकारात्मक विचार करेगी।

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देश के सभी हिस्सों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार हो और प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा शिक्षण कार्य पूरा किया जाए। विधेयक पर विभिन्न दलों के 16 सदस्यों ने हिस्सा लिया और सभी ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। जावड़ेकर ने सदस्यों से आग्रह किया कि उन्हें अपने क्षेत्रों में शिक्षा में सुधार के लिए किए जा रहे
प्रयासों का कार्यान्वयन भी देखना चाहिए। इससे शिक्षा के स्तर में सुधार के सरकारी प्रयास को गति मिलेगी। अध्यापकों का स्थानांतरण करके शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया जा सकता है इसलिए इसकी निगरानी आवश्यक है।

तो, ऐसे शिक्ष्कों को माना जाएगा गैर हाजिर
जावड़ेकर ने कहा कि अप्रशिक्षित अध्यापकों की समस्या आठ राज्यों से जुड़ी है। इसे दूर करने के लिए विशेष दल बनाया जा रहा है और यह दल इस पर विशेष नजर रखेगा। उनका कहना था कि सरकार का प्रयास अच्छी और सार्थक शिक्षा देना है और इस दिशा में जो भी सुझाव आएंगे उन पर विचार किया जाएगा। जावड़ेकर ने कहा कि सरकारी स्कूलों में कक्षाओं से
अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों का पता लगाने के लिए एक उपकरण विकसित किया गया है। स्कूल परिसर के 50 मीटर के दायरे के बाहर रहने वाले शिक्षकों को गैरहाजिर बता देगा। यह व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मणिपुर में शुरू की जाएगी और बाद में इसे देश के अन्य हिस्सों में लागू किया जाएगा। शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमैट्रिक प्रणाली का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

शिक्षकों को मिल रहे ऑनलाइन, ऑफ लाइन प्रशिक्षण अवसर
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा के लिए एप की व्यवस्था की गई है जिसमें प्रशिक्षण से संबंधी सवाल पूछे जा सकते हैं। इसके अलावा साल में 12 दिन का एक शिविर लगता है जिसके जरिए हर सवाल का समाधान किया जा सकता है। यह शिविर ब्लॉक स्तर पर लगाया जाता है। शिक्षकों को सरकार ऑन लाइन तथा ऑफ लाइन प्रशिक्षण का अवसर दे रही है। जावड़ेकर ने कहा कि देश में इस समय प्राथमिक स्तर के सरकारी और निजी स्कूलों के साढ़े सात लाख शिक्षक प्रशिक्षित नहीं हैं। इन्हें प्रशिक्षण हासिल करने के लिए पहले 31 मार्च 2015 तक का समय दिया गया था। लेकिन कुछ राज्यों की ओर से रियायत मांगे जाने पर यह अवधि बढ़ाकर 2019 की जा रही है, इसके आगे कोई रियायत नहीं होगी। प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण इस सात अगस्त में करा लेना होगा। अन्यथा ऐसे शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ेगी।

मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा शुरू किए गए पोर्टल ‘स्वंयं’और डीटीएच चैनल की ओर से दूरस्थ शिक्षा की जो व्यवस्था की गई है उसमें शिक्षकों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी मौजूद हैं। अप्रशिक्षित शिक्षक इसका लाभ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण की अनिवार्यता के संबध में सभी से सुझाव आमंत्रित है।
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