नई दिल्ली। देश की राजधानी में सरकारी ठेकाकर्मियों को समय पर वेतन ना देने की शिकायतें लगातार बढ़ती देख सरकार ने इसे संज्ञान में ले लिया है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों का वेतन समय से नहीं मिलने की स्थिति में विभाग प्रमुखों की जिम्मेदारी तय कर दी है।
सूत्रों की मानें तो गत 22 मार्च को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ठेकाकर्मियों के वेतन में देरी पर विभाग प्रमुखों के वेतन से हर्जाना राशि काटने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई थी।
कैबिनेट के इस फैसले को लागू करने के लिए शर्मा ने विभाग प्रमुखों की साप्ताहिक बैठक में इस आशय का आदेश जारी कर दिया। ज्ञात हो कि दिल्ली सरकार में शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह और परिवहन सहित अन्य विभागों में 35 से 40 हजार ठेकाकर्मी कार्यरत हैं।
मुख्य सचिव केके शर्मा ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया कि ठेकाकर्मियों का वेतन मिलने में देरी होने पर संबद्ध विभाग प्रमुख के वेतन से हर्जाना राशि काटी जाएगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को चार महीने से वेतन नहीं मिलने के विरोध में गत 17 मार्च को सचिवालय पर जबरदस्त प्रदर्शन किया था। इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर समस्या की आंतरिक जांच में पाया गया कि अधिकारियों के लापरवाही पूर्ण रवैये के कारण ठेकाकर्मियों का वेतन जारी होने में देरी हो रही है। सीएम ऑफिस की सख्ती के बाद सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है।
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