सरकार गैर सरकारी शैक्षित संस्था अधिनियम-1989 में संसोधन करने जा रही है,15 दिसंबर तक सुझाव मांगे गए
जयपुर। राज्य सरकार ने प्रदेश के 37 हजार निजी स्कूलों पर नियंत्रण बढ़ाने की तैयारी करते हुए निजी स्कूल शिक्षकों का वेतन भत्ता भी सरकारी कर्मियों के समान करने का विचार बनाया है। इसके तहत निजी स्कूल मनमर्जी से बंद नहीं किए जा सकेेंगे और स्कूल संचालकों को संपत्ति का विवरण भी देना होगा। सरकार गैर सरकारी शैक्षित संस्था अधिनियम-1989 में संसोधन करने जा रही है।
संसोधन का ड्राफ्ट जारी कर 15 दिसंबर तक सुझाव मांगे गए। पहले यह एक्ट अनुदानित संस्थाओं पर लागू था लेकिन अनुदानित संस्थाओं के कर्मचारी वैसे ही सरकारी सेवाओं में समायोजित हो चुके हैं तो इस एक्ट का कोई अर्थ नहीं रह गया था। नए एक्ट के तहत न सिर्फ मान्यता प्राप्त स्कूल बल्कि उच्च शिक्षा के कॉलेज में शामिल होंगे। स्कूलों को हर साल जुलाई में अपनी संपत्तियों का विवरण शिक्षा निदेशक को देना होगा।
नया एक्ट लागू होने के बाद निजी स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारियों के वेतन में चार गुना वृद्धि होगी। माना जा रहा है यह भार सीधे सीधे अभिभावकों पर पड़ेगा। जो स्कूल सरकारी नियमानुसार वेतनमान नहीं दे सकेंगे, वे बंद होंगी। हालांकि नया प्रावधान संस्थाओं की स्वायत्तता में दखल होगा। सुप्रीम कोर्ट के टीएमए पाई फाउंडेशन के 2002 के निर्णय के विरुद्ध होगा। इस निर्णय में सेवा शर्तें तय करने का अधिकार संस्थाओं को दिया गया है।