कनाडा से वापस आएगी खजुराहो मूर्ति
Published: Apr 16, 2015 06:42:00 pm
12वीं सदी की इस
मूर्ति को 1970 की यूनेस्को संधि के तहत वापस किया गया है
ओटावा। खजुराहो की 800 साल पुरानी मूर्तियों में से एक को वापस भारत लाया जाएगा। कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने बुधवार को यह मूर्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की। बलुआ पत्थर से बनी मूर्ति एक अर्धनग्न महिला की है, जिसके कंधे पर एक तोता बैठा है। विदेशी मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने टि्वटर पर एक संदेश में कहा कि 12वीं सदी की इस मूर्ति को 1970 की यूनेस्को संधि के तहत वापस किया गया है।
उन्होंने ट्वीट किया, कनाडा ने भारतीय इतिहास की एक धरोहर “पैरोट लेडी” को वापस किया। (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने खजुराहो की मूर्ति स्वीकार की। मूर्ति ओटावा में संसद के पुस्तकालय में प्रधानमंत्री को सौंपी गई। इसके बदले में मोदी ने हार्पर को एक मिनिएचर पेंटिंग उपहार में दी, जिसमें गुरू नानक अपने शिष्यों के साथ हैं। यह तस्वीर जयपुर के कलाकार वीरेंद्र बानू की है।
समाचारपत्र “ग्लोब एंड मेल” के मुताबिक, तीन फुट ऊंची यह मूर्ति 2011 में कनाडा में एक व्यक्ति के पास मिली थी। उसके पास मूर्ति से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं था, इसलिए मूर्ति ज्ब्त कर ली गई थी।
समाचारपत्र में लिखा गया है, मूर्ति एक नायिका की है। अर्धनग्न नायिका कामुक मुद्रा में है। उसके कंधे पर एक तोता बैठा है। यह खजुराहो के मंदिर पर निर्मित मूर्तियों में से एक है। भारत से पुरातत्व सर्वेक्षकों का एक दल पहले इस मूर्ति की जांच करने और उसकी वापसी पर विचार करने के लिए करने के लिए कनाडा गया था।