कैमरन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हालांकि वह अगले सप्ताह सोमवार को संसद में इससे जुड़ा अपना प्रस्ताव पेश करेंगे और उसपर मतदान भी कराएंगे ताकि इराक और सीरिया में आईएस के खिलाफ अभियान में गठबंधन सेनाओं को ब्रिटेन की ओर से मदद दी जा सके। उल्लेखनीय है कि विपक्ष के नेता जेरेमी कोरीबिन इराक के खिलाफ वर्ष 2003 में चलाए गए सैन्य अभियान के कड़े विरोधी रहे थे।
वह विदेशों में चलाए जा रहे सैन्य अभियानों में ब्रिटेन के शामिल होने के अब भी विरोधी हैं। उनका मानना है कि इससे देश को नुकसान होगा। वर्ष 2013 में सीरिया के खिलाफ अभियान में ब्रिटेन के शामिल होने का उनका एक प्रस्ताव पहले ही धराशायी हो चुका है। राजनीतिक विश्लेशकों का मानना है कि अपने इस पुराने अनुभव को देखते हुए कैमरन दोबारा ऎसी गलती नहीं दोहराना चाहते।