पेरिस। फ्रांस की उच्चतम अदालत ने एक तटीय शहर वीलनव लूबे में में मुस्लिम महिलाओं के पूरे शरीर ढंकने वाले स्विमसूट यानी बुर्कीनी पहनने पर लगी रोक को खारिज कर दिया है। अदालत का कहना है कि बुर्कीनी पर लगी रोक व्यक्तिगत आजादी, विचारों की स्वतंत्रता और बेरोक-टोक आने और जाने के अधिकार का गंभीर और साफ तौर पर गैरकानूनी उल्लंघन है। हालांकि अन्य कानूनी पहलुओं पर विचार के बाद अदालत अंतिम फैसला बाद में सुनाएगी। माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद फ्रांस के करीब तीस शहरों में स्थानीय स्तर पर लगाई गई रोक हटाई जा सकेगी। हालांकि, कॉर्सिका शहर के मेयर ने रोक जारी रखने की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि फ्रांस के मानवाधिकार संगठनों ने कई शहरों में बुर्कीनी पर प्रतिबंध को पसंद के कपड़े पहनने के मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन बताया था और इसके खिलाफ अपील की थी। बताते चलें कि बुर्कीनी को लेकर फ्रांस और अन्य देशों में जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है। फ्रांस के ज्यादातर लोगों ने प्रतिबंध का समर्थन किया है।
बीच पर सभी के सामने पुलिस ने उतरवाई थी बुर्कीनीबता दें कि फ्रांस के नीस शहर में पुलिस ने सभी के सामने एक महिला की बुर्कीनी
उतरवा दी थी। ये महिला प्रोमेनाड डेज आंगले बीच पर सनबाथ ले रही थी। इसी दौरान
चार पुलिस वाले उसके पास आए और कहा कि वो बीच के नियम तोड़ रही है। पुलिस
की वार्निंग के बाद महिला को बीच पर ही अपनी बुर्कीनी उतरानी पड़ी। वहीं महिला ने पुलिसवालों पर नस्ली व्यवहार और अपमानित करने का आरोप लगाया था।
बुर्कीनी पर सबसे पहले प्रतिबंध कान के महापौर ने लगाया था। उनका कहना है
कि कानून व्यवस्था के मद्देनजर यह प्रतिबंध लगाया गया है। महापौर डेविड
लिस्नार्ड की मानें तो बुर्कीनी इस्लामी चरपंथ का प्रतीक है। ऐसे में अगर
कोई महिला बुर्कीनी को पहनकर घर से बाहर निकलती है तो तनाव की स्थिति बन
सकती है, क्योंकि फ्रांस चरमपंथी संगठन आईएस के निशाने पर है। फ्रांस के
नीस शहर में पिछले महीने जुलाई में चरमपंथी हमला हुआ था। उससे पहले भी
फ्रांस में हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इन तमाम घटनाओं को ध्यान में
रखते हुए फ्रांस हाई-अलर्ट पर है।