जर्मनी के म्यूनिख शहर के ओलंपिया मॉल में गोलीबारी में 9 लोगों की मौत हो गई, हमले में 10 अन्य घायल
म्यूनिख। जर्मनी के तीसरे सबसे बड़े और दक्षिणी शहर म्यूनिख के एक शॉपिंग मॉल में हुई गोलीबारी में एक हमलावर समेत कम से कम 10 लोग मारे गए और कम से कम 10 अन्य घायल हो गए। म्यूनिख पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि घटनास्थल के पास से एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ है और उसके हमले में शामिल एकमात्र शूटर होने की संभावना है।
घटनास्थल से एक किलोमीटर की दूरी पर हमलावर का शव बरामद किया गया। उसने घटना को अंजाम देने के बाद खुद को गोली मार ली थी। इससे पहले हमलावर की गोलीबारी में नौ लोग मारे गए और कम से कम दस अन्य घायल हो गए। इससे पूर्व पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से इस हमले में तीन लोगों के शामिल होने की संभावना व्यक्त की थी। हालांकि प्रवक्ता ने आज संवाददाताओं से कहा कि अब लगता है कि इस हमले के लिए केवल एक व्यक्ति जिम्मेदार था। इस घटना के कारण म्यूनिख में आपातकाल लागू कर दिया गया था और शहर में विशेष सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया था।
हमलावर ने ओलंपिक मॉल के अंदर कई लोगों पर गोलियां चलाई और इसके बाद एक मेट्रो स्टेशन की तरफ भाग गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि म्यूनिख के मुख्य ट्रेन स्टेशन को खाली करा लिया गया है और शहर में बस एवं मेट्रो यातायात रोक दी गई है।
यह शॉपिंग सेंटर म्यूनिख ओलिंपिक स्टेडिम के पास ही स्थित है, जहां 1972 के ओलिंपिक खेलों के दौरान फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह ब्लैक सेप्टेंबर ने 11 इजरायली एथलीटों को बंधक बनाकर मार डाला था।
म्यूनिख हमले का हमलावर एक जर्मन-ईरानी था
जर्मनी के म्यूनिख में हुई घातक गोलीबारी का संभावित एकमात्र हमलावर बंदूकधारी एक 18 वर्षीय जर्मन-ईरानी था, जिसके पास दोनों देशों की नागरिकता थी। म्यूनिख के पुलिस प्रमुख हबरटस आंड्रिया ने पत्रकारों को बताया कि गोलीबारी का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है। पूर्व की रिपोर्ट के बावजूद घटना में किसी अन्य बंदूकधारी के शामिल होने का भी कोई संकेत नहीं है। खुद को गोली मारने से पहले उक्त बंदूकधारी ने कुछ युवकों समेत नौ लोगों की हत्या कर दी। आंड्रिया के मुताबिक कुछ बच्चों समेत 16 लोग घायल हैं, जिनमें तीन की हालत अत्यंत गंभीर है।
जर्मनी में एक हफ्ते के अंदर हुआ यह दूसरा हमला है। इससे पहले अफगानिस्तान का 17 वर्षीय एक शरणार्थी ने ट्रेन में यात्रियों पर कुल्हाड़ी और चाकू से हमला कर पांच लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। हमले के बाद किशोर ने भागने की कोशिश की, लेकिन इसी दौरान पुलिस ने उसे मार गिराया। छानबीन में पाया गया कि लड़का आतंकी संगठन आईएसआईएस से प्रभावित था। हालांकि जर्मनी के आंतरिक मामलों के मंत्री थॉमस डी मेजियेर ने इसे अकेले हमलावर का काम बताया था।