scriptपेरिस हमले के बाद ब्रिटेन में मुसलमानों के खिलाफ नफरत बढ़ी | Hate crimes against Muslims in Britain increased after Paris attack | Patrika News

पेरिस हमले के बाद ब्रिटेन में मुसलमानों के खिलाफ नफरत बढ़ी

Published: Nov 23, 2015 01:45:00 pm

ब्रिटेन में नस्लीय हमलों का सबसे ज्यादा शिकार वे मुस्लिम महिलाएं और
युवतियां बनीं जो पारंपरिक इस्लामिक परिधानों में थीं और जिनकी उम्र 14 से
45 वर्ष के बीच थीं

Muslim Women

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लंदन। फ्रांस की राजधानी पेरिस पिछले दिनों हुए आतंकी हमले के बाद ब्रिटेन में मुसलमानों को 100 से ज्यादा नस्लीय हमलों का सामना करना पड़ा है। यह खुलासा मंत्रियों के लिए बनी एक रिपोर्ट में हुआ है। सरकार को सौंपी गई ‘मुस्लिम विरोधी’ रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्लामोफोबिया या मुसलमानों को लेकर देश में उनके प्रति नफरत में 300 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

ब्रिटेन के एक प्रमुख अखबार ‘द इंडिपेंडेंट’ के अनुसार, ब्रिटेन में नस्लीय हमलों का सबसे ज्यादा शिकार वे मुस्लिम महिलाएं और युवतियां बनीं जो पारंपरिक इस्लामिक परिधानों में थीं और जिनकी उम्र 14 से 45 वर्ष के बीच थीं। इन्हें निशाना बनाने वाले ब्रिटेन के ‘गोरे’ पुरुष थे जिनकी उम्र 15 से 35 के बीच थी।

इन आंकड़ों को ‘टेल मामा’ हेल्पलाइन ने जुटाए थे जो ब्रिटेन में मुसलमानों और मस्जिदों पर हुए हमलों पर नजर रखती है। ये आंकड़ें और भी ज्यादा हो सकते हैं क्योंकि कई लोगों ने संभवत: डर के मारे में शिकायत दर्ज नहीं करवाई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे हमले बस और ट्रेनों सहित आम जगहों पर किए गए। इनमें से 34 महिलाएं ऐसी थीं जिन्होंने हिजाब पहन रखा, जबकि आठ छोटी बच्चियों को भी निशाना बनाया गया। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नस्लीय हमलों की सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं बनीं क्योंकि उनके पारंपरिक लिबास के जरिए आसानी से पहचान लिया जाता है। इनकी उम्र 14 से 45 के बीच थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर पीडि़त मुस्लिम महिलाएं थीं जिनकी उम्र 14 से 45 के बीच है। यह चिंता का विषय है क्योंकि जो महिलाएं हिजाब पहनती हैं उन्हें आसानी से निशाना बनाया जा रहा है।

ज्यादातर पीडि़त महिलाओं ने कहा कि नस्लीय हमलों के दौरान कोई उनकी मदद को नहीं आया और न ही कोई सांत्वना देने आया। महिलाएं इस बात से भी नाराज हैं कि बिना किसी वजह उन्हें लोगों के सामने निशाना बनाया गया। इन आरोपियों में से 16 ने बताया कि हमलों के डर से भविष्य में उन्हें बाहर जाने में डर लगने लगा है। इन हमलों से उनके आत्मविश्वास पर असर पड़ा है।

इन हमलों में आठ ऐसे हमले थे जिनमें बच्चियों के सामने उनकी मां पर नस्लीय हमले किए गए। यही नहीं, राजधानी लंदन में एक शर्मनाक घटना सामने आई जब ट्रेन में हिजाब पहने एक युवती के साथ बदसलूकी की गई।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एडिनबर्ग में रहनी वाली एक महिला ने अपनी आठ साल की बेटी को स्कूल से इसलिए निकलवा लिया क्योंकि उसके खिलाफ नस्लीय हमले बढ़ गए थे।

महिला ने कहा कि स्कूल में उसकी बेटी को अपशब्द कहे गए और साथ ही मुस्लिम होने की वजह से उसकी बेइज्जती की गई। महिला ने आगे कहा कि पेरिस हमलों के बाद मुसलमानों के खिलाफ नस्लीय हमले बढ़ गए हैं। किसी और की गलती की सजा हम क्यों भुगतें।
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