इस्लामिक स्टेट यूरोप व इस्लामिक मुल्कों में आत्मघाती हमलावरों के तौर पर ज्यादा से ज्यादा जिहादी महिलाओं का इस्तेमाल करने की फिराक में है।
न्यूयॉर्क। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट यूरोप व इस्लामिक मुल्कों में आत्मघाती हमलावरों के तौर पर ज्यादा से ज्यादा जिहादी महिलाओं का इस्तेमाल करने की फिराक में है। इसे इस्लामिक स्टेट की रणनीति में बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले चरमपंथी विचारधारा का समर्थन करने वाली महिलाओं को इस्लामिक स्टेट ने युद्ध से दूर रखने की रणनीति अपनाई थी। लेकिन इराक, सीरिया व लीबिया में पकड़ ढीली पड़ने से कमजोर होने के एक बार फिर उसने अपनी रणनीति में अहम बदलाव किया है।
हाल ही में इराकी सैन्य कार्रवाई ने इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को काफी नुकसान पहुंचाया है। मोसुल को उनके कब्जे से मुक्त कराने के बाद से इस्लामिक स्टेट बेहद कमजोर पड़ गया है। ‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट के शोधकर्ताओं ने इसे बेहद कड़ा यू-टर्न करार दिया है। वहीं सुरक्षा अधिकारियों ने यूरोप समेत मिडल ईस्ट में बड़े आतंकी हमलों की भी चेतावनी दी है।
इन आतंकी हमलों के लिए आत्मघाती महिला हमलावरों का इस्तेमाल किया जाएगा। सुरक्षा अधिकारियों ने अगस्त में यूरोप व उत्तरी अफ्रीका में इस्लामिक स्टेट की आत्मघाती महिलाओं का पर्दाफाश किया था। सितंबर में ही पेरिस में 19 से 39 साल की उम्र की चार आत्मघाती महिला हमलावरों को गिरफ्तार किया गया था। अगस्त में ही इस्लामिक स्टेट ने सीरिया में भी एक आत्मघाती महिला हमलार को भेजा था। मोरक्को में इस्लामिक स्टेट की 10 महिला हमलावरों को गिरफ्तार किया गया था। ये सभी कम उम्र की बच्चियां थी। इनके पास से बम बनाने का सामान बरामद हुआ था।