इटली के एक पादरी ने भूकंप के लिए समलैंगिक नागरिकों के संघ को जिम्मेदार ठहराया है।
इटली। इटली के एक पादरी ने भूकंप के लिए समलैंगिक नागरिकों के संघ को जिम्मेदार ठहराया है। पादरी जियोवन्नी केवलकोली का कहना है कि समलैंगिकों की वजह से ही इटली में भूकंप आ रहा है और लाखों लोग बेघर होने के साथ ही काल के गाल में समा रहे हैं।
यह दैवीय दंड है। इटली में हाल ही में पिछले 30 सालों में पहली बार 6.6 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया था। इसके बाद ही पादरी जियोवन्नी केवलकोली ने इसके लिए समलैंगिकों को जिम्मेदार ठहराने वाला बयान दिया है।
भगवान दे रहा है समलैंगिकों को दंड
जियोवन्नी केवलकोली ने कहा कि भगवान समलैंगिकों को भूकंपीय झटकों के रूप में अलौकिक दंड दे रहा है। समलैंगिकों की वजह से शादी की गरिमा खत्म हो रही है और परिवार टूट रहे हैं। ऐसे में इस अपराध के लिए उनको ईश्वर की तरफ से भूकंप के रूप में दैवीय दंड दिया जा रहा है।
इटली में समलैंगिक संघ को मिली है कानूनी मान्यता
इटली की संसद ने हाल ही में समलैंगिक संघों को कानूनी मान्यता दी है। 11 मई 2016 को समलैंगिक नागरिक संघों के लिए वैध कानून पारित किया गया था। कानून के पक्ष में 372, विपक्ष में 51 वोट डाले गए थे और 99 सांसदों ने इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया था।
इसके साथ ही इटली पश्चिमी यूरोप में ऐसा करने वाला आखिरी देश बना है। पादरी जियोवन्नी केवलकोली ने रेडियो मारियो से बातचीत करते हुए 30 अक्टूबर को यह विवादित बयान दिया है।
पोप फ्रांसिस भूकंप पीड़ितों के लिए प्रार्थना करते हुए
इटली में भविष्य में और तीव्रता के भूकंप की चेतावनी
वहीं, वैज्ञानिकों ने इटली में अभी और जोरदार भूंकप आने की चेतावनी दी है। डरहम यूनिवर्सिटी में पृथ्वी विज्ञान के प्रोफेसर रिचर्ड वाल्टर्स का कहना है कि भविष्य में इटली में 6.6 तीव्रता से भी ज्यादा तीव्रता के भूकंप आ सकते हैं। बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में इटली में तीन जोरदार भूकंप आ चुके हैं।
दो महीनों में तीन जोरदार भूकंप
26 अक्टूबर- 4.5 तीव्रता का भूकंप आया
24 अक्टूबर- 6.2 तीव्रता का भूकंप आया, 300 लोग मरे
30 अक्टूबर- 6.6 तीव्रता का भूकंप आया
2009 में आए भूकंप में हुई थी 308 लोगों की मौत
26 सितंबर 1997 को इटली में आए भूकंप में 13 लोगों की मौत हो गई थी और 40 हजार से ज्यादा बेघर हुए थे। 2009 में आए भूकंप में 308 लोगों की मौत हुई थी और 1500 से लोग घायल हुए थे, करीब 65 हजार लोग बेघर हुए थे।