क्रेडिट-डेबिट कार्ड सेवा उपलब्ध कराने वाली अमरीकी कंपनी मास्टरकार्ड पर ब्रिटेन में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है।
लंदन। क्रेडिट-डेबिट कार्ड सेवा उपलब्ध कराने वाली अमरीकी कंपनी मास्टरकार्ड पर ब्रिटेन में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मास्टरकार्ड को ग्राहकों से जरूरत से ज्यादा फीस वसूलने का दोषी पाया गया है। हर्जाने के तौर पर कंपनी को ब्रिटेन में अपने 4.6 करोड़ मास्टरकार्ड यूजर्स को 1400 करोड़ पाउंड (1,24,204 करोड़ रुपए) लौटाने होंगे।
कंपनी को हर ग्राहक के खाते में 300 पाउंड (26,615 रुपए) जमा करने होंगे। यह ब्रिटेन के कानूनी इतिहास का सबसे बड़ा वित्तीय हर्जाना है। मास्टर कार्ड पर आरोप था कि उसने 16 साल तक ग्राहकों से बहुत ज्यादा फीस वसूली। 1992 से 2008 के बीच कंपनी ने लाखों बार लेन देन किया और हर बार ज्यादा फीस वसूली।
नियमों को तोड़ा था
याचिकाकर्ता वाल्टर मेरिक्स ने लॉ फर्म क्विन एमानुएल की मदद से यह याचिका दायर की थी। फर्म ने कंपटीशन अपील ट्राइब्यूनल में केस डाला था। मेरिक्स का कहना है, ‘मास्टरकार्ड ने जो किया उसका हर्जाना ग्राहकों को मिलना चाहिए था।’
ब्रिटेन के नए कंज्यूमर एक्ट के मुताबिक, जिन ग्राहकों ने यह शुल्क चुकाया और जो ब्रिटेन में रह रहे हैं, वे भी इस मुकदमे के लाभार्थी बन गए हैं। 2014 में यूरोपीय संघ की सर्वोच्च अदालत ने साफ किया था कि फीस यूरोपीय संघ के एंटीट्रस्ट नियमों का उल्लंघन करती है। मेरिक्स ने इस फैसले को भी याचिका का आधार बनाया था।