बर्लिन। जर्मनी के म्यूनिख शॉपिंग मॉल में हुए हमले की जांच में मदद के लिए पुलिस एक रोबोट का सहारा ले रही है। फिलहाल, जो बात शुरुआती जांच में सामने आ रही है, उसके मुताबिक हमलावर 18 साल का लड़का अली डेविड सनबोली था। माना जा रहा है कि उसने सोशल मीडिया के सहारे पहले अपनी एक दोस्त को मुफ्त में रेस्टोरेंट पर भोजन कराने के बहाने बुलाया। उसी के जरिए उसने बाकी दोस्तों को भी बुलाया। उसके बाद वहां पहुंच कर पिस्टल से अंधाधुंध गोलीबारी कर दी।
पुलिस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस किशोर उग्रवादी का इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह से कोई संबंध नहीं था। आशंका जताई जा रही है कि मानसिक रूप से थोड़ा अस्थिर और एकाकी प्रवृति का अली दोस्तों की दबंगई से परेशान था, इसी से परेशान होकर उसने इतना बड़ा कदम उठाया और नौ लोगों की जान लेकर खुद भी जान दे दी। जर्मन पुलिस ने माना कि अली के शव के पास उसके बैग से करीब 300 राउंड गोलियां मिली हैं। बता दें कि अली ने शॉपिंग सेंटर में हमला करके 9 लोगों की जान ले ली थी। इस हमले में करीब 10 लोग भी घायल हुए थे। इसके बाद हमलावर किशोर ने खुद को गोली से उड़ा लिया था। जर्मनी के म्यूनिख में हुई घातक गोलीबारी का संभावित एकमात्र हमलावर बंदूकधारी एक 18 वर्षीय जर्मन-ईरानी था, जिसके पास दोनों देशों की नागरिकता थी।
बता दें कि जर्मनी में एक हफ्ते के अंदर हुआ यह दूसरा हमला था। इससे पहले अफगानिस्तान का 17 वर्षीय एक शरणार्थी ने ट्रेन में यात्रियों पर कुल्हाड़ी और चाकू से हमला कर पांच लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। हमले के बाद किशोर ने भागने की कोशिश की, लेकिन इसी दौरान पुलिस ने उसे मार गिराया। यह शॉपिंग सेंटर म्यूनिख ओलिंपिक स्टेडिम के पास ही स्थित हैए जहां 1972 के ओलिंपिक खेलों के दौरान फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह ब्लैक सेप्टेंबर ने 11 इजरायली एथलीटों को बंधक बनाकर मार डाला था।
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