सरोगेट बनकर ननद ने भर दी भाभी की गोद में खुशियां
Published: Apr 27, 2015 09:29:00 am
ननद ने सरोगेट बनकर अपनी भाभी की गोद भर दी और जिंदगी को फिर खुशियों से भर दिया
लंदन। रक्तदान और अंगदान से जिंदगी बचाने की खबरें तो आए दिन आती रहती हैं, लेकिन एक ननद ने गोद न भरने से नाउम्मीद हो चुकी अपनी भाभी के लिए मिसाल पेश कर दी। सरोगेट बनकर उसने अपनी भाभी की गोद भर दी और जिंदगी को फिर खुशियों से भर दिया।
मामला ब्रिटेन का है, जहां लंदन के फेल्थम में भारतवंशी प्रीतेश गांधी और उनकी पत्नी मानसी 10 साल से नए मेहमान की तैयारियां कर रहे थे। चिकित्सकीय कारणों से मानसी पांच बार गर्भवती हुई, लेकिन गर्भपात हो गया। हालांकि 2007 में एक लड़के को जन्म दिया था, लेकिन समयपूर्व प्रसव होने से वह काफी कमजोर था। लगातार इलाज के बावजूद वह छह महीने ही जी सका। उसकी मौत से दंपती को धक्का लगा।
अब और लोगों को प्रोत्साहित करेंगे
पेशे से ऑपरेशनल मैनेजर प्रीतेश ने कहा कि जैसे हमारे घर खुशियां आई हैं, वैसे और निराश लोगों के यहां किलकारी गूंज सके इसके लिए प्रयास करेंगे। हम और लोगों को ऎसा करने के लिए प्रेरित करेंगे।
हीरल का था खुद का छह महीने का बच्चा
भाभी-भैया की निराशा प्रीतेश की बहन हीरल से देखी नहीं गई। खुद का छह महीने का बच्चा होने के बाद भी उसने मानसी की गोद भरने के लिए उसकी सरोगेट बनने का प्रस्ताव रखा। सभी की सहमति के बाद आईवीएफ तकनीक से वह बच्चे को जन्म देने के लिए तैयारी हो गई। उसने पश्चिमी मिडिलसेक्स यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में बीते 27 मार्च को बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम कृश है। बहन की करूणा और त्याग पर प्रीतेश ने कहा कि हीरल ने मेरा परिवार पूरा कर दिया है। उसका कर्ज हम ताउम्र नहीं चुका सकते।