पेजालो (इटली). ओकिडो लिब्रा मिक्कयो योगा यूनिवर्सिटी, पेजालो ने राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ. गुलाब कोठारी को डॉक्टर आफ लिटरेचर (डी लिट्) की उपाधि प्रदान की है। यूनिवर्सिटी में चल रहे अंतरराष्ट्रीय प्रेक्षाध्यान, योग एवं सियाचु चिकित्सा समर कैम्प में विश्वविद्यालय की अध्यक्ष लोरेना फ्यूमानी ने डॉ. कोठारी को तालियों की गडग़ड़ाहट के बीच यह उपाधि प्रदान की। इस अवसर पर विवि मार्गदर्शक आचार्य यू. सी. याहिरो ने कहा कि शिविर में कोठारी की उपस्थिति हमारे लिए किसी इनाम से कम नहीं है। वे इतने व्यस्त एवं स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के बावजूद शिविर में साधकों का मार्गदर्शन करने आए, इसके लिए हम इनके कृतज्ञ हैं।
‘कर्म की इच्छा मन में होती है पैदा’
साधकों को संबोधित करते हुए डॉ. कोठारी ने कहा कि आरामतलबी लोग जीवन का आनंद नहीं उठा सकते। कर्म थीम पर आयोजित शिविर में उन्होंने कहा कि कर्म की इच्छा मन में पैदा होती है और इच्छा से ही कर्म पैदा होता है। इच्छा के लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं। हमारा शरीर माता-पिता की देन है। कर्म की दो दिशाएं होती हैं, एक सकारात्मक और एक नकारात्मक, जो साथ-साथ चलती हैं। जब इच्छा होती है तब प्राण सक्रिय होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में विज्ञान और अध्यात्म का सामंजस्य होना चाहिए। आज योग के माध्यम से दुनियाभर में लोग लाभान्वित हो रहे हैं, यह भारतीय ऋ षियों की दुनिया को देन है। भोजन में सात्विकता लानी चाहिए, शाकाहार से तामसिकता कम होती है।
कई देशों के साधकों ने लिया हिस्सा
डॉ. कोठारी ने साधकों को भारतीय दर्शन में बताए गए जीवन के चार पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के साथ ही चार आश्रम ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास आश्रम के बारे में विस्तार से समझाया और उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। 24 से 30 जुलाई तक चल रहे इस शिविर में चीन, हालैंड, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के साधक भाग ले रहे हैं। शिविर में प्रेक्षाध्यान एवं सियाचु चिकित्सा का प्रशिक्षण ओकिडो इंडिया के प्रमुख डॉ. प्रदीप भाटी दे रहे हैं।
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