लंदन। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत पर चल रही बहस के बीच एक ब्रिटिश वेबसाइट ने उनके जीवन के अंतिम दिन 18 अगस्त 1945 के घटनाक्रमों का खुलासा करने का दावा किया है। वेबसाइट बोसफाइल डॉट इंफो ने नेताजी की मिस्ट्री की जांच के लिए बनी कमेटी द्वारा रिकॉर्ड किए गए प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर हादसे के अंतिम पलों की कहानी बताई है।
उड़ान के थोड़ी देर बाद ही हुआ था विस्फोट
वेबसाइट के मुताबिक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जिस विमान में सवार थे, उसमें उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद ही विस्फोट हो गया था। वेबसाइट ने हादसे के वक्त नेताजी के करीब रहे कर्नल रहमान के हवाले से उनके अंतिम शब्दों का भी जिक्र किया है। सुभाष चंद्र बोस के एडीसी कर्नल हबीब उर रहमान और एक अन्य सहयात्री के अनुसार विस्फोट काफी तेज था। रहमान के मुताबिक विस्फोट के समय विमान 30-40 मीटर की ऊचाई पर रहा होगा।
बोस के सिर पर लगी था गहरी चोट
विमान कंक्रीट के रनवे से करीब 100 मीटर आगे गिरा था और आगे के हिस्से में आग लग गई थी। कर्नल रहमान के मुताबिक, उस समय वे लोग मुख्य दरवाजे की ओर नहीं जा सके क्योंकि वह दूसरी चीजों से जाम हो गया था। रहमान ने बताया कि नेताजी के कपड़ों में आग लग गई थी। दौड़कर उनके कपड़े उतारे और लिटा दिया। उनके सिर पर गहरी चोट लगी थी। नेताजी को गंभीर हालत में पास के नानमोन मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया। लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका।
…अब नहीं बचेंगे
बुरी तरह जख्मी नेताजी ने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है कि अब वह नहीं बचेंगे। नेताजी ने कर्नल रहमान से कहा कि जब अपने वतन वापस जाएं तो वहां बताएं कि वे आखिरी दम तक मुल्क की आजादी के लिए लड़ते रहे। उन्होंने आजादी की जंग जारी रखने का आह्वान किया था। कहा, हिंदुस्तान जरूर आजाद होगा। उसे कोई गुलाम नहीं रख सकता। वेबसाइट ने कहा है कि 70 साल से इस हादसे को लेकर संशय की स्थिति थी।