scriptमॉरिशस में मिला लापता विमान एमएच370 के पंख का टुकड़ा | Wing part found in mauritius confirmed to be part of mh370 | Patrika News

मॉरिशस में मिला लापता विमान एमएच370 के पंख का टुकड़ा

Published: Oct 07, 2016 06:27:00 pm

मलेशिया के परिवहन मंत्री लियो तिओंग लाई ने एक बयान में कहा कि ऑस्ट्रेलियाई परिवहन सुरक्षा ब्यूरो के विश्लेषण में पाया गया कि यह टुकड़ा विमान के पंख के निचले हिस्से का है।

MH370

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कुआलालंपुर। मलेशिया ने इस बात की पुष्टि कर दी कि मॉरिशस के हिंद महासागर द्वीप पर जो एयरक्राफ्ट के विंग का टुकड़ा पाया गया है वह लापता विमान मलेशिया एयरलाइंस फ्लाइट 370 का है। यह मलबा मई में मिला था और तब से आस्ट्रेलियन ट्रांसपोर्ट सेफ्टी ब्यूरो में विशेषज्ञों द्वारा इसका परीक्षण किया जा रहा था।

मलेशिया के परिवहन मंत्री लियो तिओंग लाई ने एक बयान में कहा कि ऑस्ट्रेलियाई परिवहन सुरक्षा ब्यूरो के विश्लेषण में पाया गया कि यह टुकड़ा विमान के पंख के निचले हिस्से का है। बोइंग 777 विमान कुआलालंपुर से बीजिंग जाने के दौरान बीच रास्ते में ही लापता हो गया था। इसका पता लगाने के लिए पिछले दो वर्षों से तलाशी अभियान जारी था।

पंख के फ्लैप का टुकड़ा मई में मिला था और इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई परिवहन सुरक्षा ब्यूरो के विशेषज्ञों ने इसका विश्लेषण किया। ऑस्ट्रेलियाई परिवहन सुरक्षा ब्यूरो आस्ट्रेलिया के पश्चिम तट के निकट महासागर के दूरस्थ क्षेत्र में विमान की तलाश का नेतृत्व कर रहा है। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि जांचकर्ताओं ने पाया कि मलबे में मिला पंख लापता बोइंग 777 का हिस्सा है। मलेशिया के परिवहन मंत्री लियोन तियोंग लाई ने भी इस बात की पुष्टि की है।

इससे पहले मिले विमान के दो टुकड़े लापता जेट के होने की पुष्टि हुई थी। इनमें से पहले टुकड़ा जुलाई 2015 में रीयूनियन द्वीप के पास, जबकि दूसरा तंजानिया के तट के करीब पेंबा द्वीप के किनारे मिले थे। हालांकि अभी तक मलबे से मिली कोई भी वस्तु यह पता करने में मदद नहीं कर पाई है कि मुख्य मलबा समुद्र में कहां स्थित है। तलाशकर्मियों को उम्मीद है कि हिंद महासागर में 1,20,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में उनका तलाश का काम दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।

समुद्र विज्ञानविद तंजानिया और फ्रांस के ला रीयूनियन द्वीप में मिले विमान के पंख के फ्लैप का विश्लेषण कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वे ड्रिफ्ट मॉडलिंग के जरिए संभावित नए तलाश क्षेत्र की पहचान कर सकते हैं लेकिन किसी भी नई तलाश के लिए और अधिक धन की आवश्यकता होगी।

मलेशिया, आस्ट्रेलिया और चीन ने जुलाई में कहा था कि यदि महासागर में मौजूदा तलाश क्षेत्र में तलाश पूरी कर ली जाती है और यदि विमान के निश्चित स्थान की ओर इशारा करने वाले नए सबूत नहीं मिलते हैं तो 16 करोड़ डॉलर की लागत की इस तलाश को रोक दिया जाएगा।
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