इसके साथ सभी लड़कियों को साढ़े नौ बजे तक हॉस्टल पहुंचना अनिवार्य किया गया है। यह सारे आदेश मेडिकल कॉलेज की डीन की ओर से जारी किए गए है
पुणे। पुणे के बी.जे. मेडिकल कॉलेज में पढऩे वाली लड़कियों के लिए एक नया नियम लागू किया गया है, जिसके मुताबिक आधी रात के बाद कोई भी लड़की कॉलेज की लाइब्रेरी में नहीं पढ़ सकेगी। इसके साथ सभी लड़कियों को साढ़े नौ बजे तक हॉस्टल पहुंचना अनिवार्य किया गया है। यह सारे आदेश मेडिकल कॉलेज की डीन की ओर से जारी किए गए है। आपको बता दे ये सारे नियम सिर्फ लड़कियों के ऊपर लागू होंगे, लड़कों के रूप नहीं।
डीन की जारी आदेश के मुताबिक रात 11 बजे बाद सुरक्षा गार्ड्स खुद लाइब्रेरी जाकर फीमेल स्टूडेंटस को बाहर जाने के लिए कहेंगे। वहीं साथ ही एमबीबीएस करने वाली लड़कियों को तो रात साढ़े नौ बजे तक हॉस्टल में पहुंचने के दिशा निर्देश जारी किए है। डीन ने इन आदेशों का सख्ती से पालना कराने के आदेश जारी किए है। वैसे कॉलेज प्रबंधन की ओर से जारी यह आदेश यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) के सक्षम रिपोर्ट नियमों के खिलाफ है। इन नियमों के मुताबिक कोई भी शिक्षण संस्थान लिंगभेद दर्शाने वाले आदेश नहीं द सकता है। नियम के अनुसार कॉलेजों को छात्राओं की आजादी छीने बिना ही उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
वहीं दूसरी ओर इस आदेश के बारें में कॉलेज में पढऩे वाली छात्राओं को कहना है कि ऑल-इंडिया पोस्ट ग्रैजुएट एंट्रेंस एग्जाम एक महीने में होने वाला है और लाइब्रेरी ही एक ऐसा सोर्स है जहां से वे पढ़ाई कर सकती हैं। एक छात्रा ने बताया, हम सिर्फ जरूरी किताबें खरीदते हैं, बाकी पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी पर निर्भर रहते हैं। लेकिन दूसरी ओर अधिकतर लड़कों को यह नियम भेदभाव वाले नहीं लग रहे है। छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन ने यह कदम छात्राओं के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठााया है।
बी.जे. मेडिकल कॉलेज के डीन अजय चंदनवाले का कहना है ‘लड़कियां रात के डेढ़ बजे तक भी लाइब्रेरी में पढऩे आया करती थीं, जो उनकी सुरक्षा के लिहाजा से सुरक्षित नहीं था। जब कॉलेज के डीन से यह सारे नियम लड़कों पर क्यो नहीं लागू होते है तो उन्होंने जवाब दिया कि हम लड़कों से ज्यादा लड़कियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं, लेकिन हम जल्द ही लड़कों के लिए भी नियम लागू करेंगे।