साल 2012 से 2015 के बीच देशभर के 16 आईआईटी संस्थानों में से 2060 स्टूडेंट्स और इसी दौरान 30 एनआईटी से 2352 स्टूडेंट्स ड्रॉपआउट हुए हैं।
जयपुर। देश के उच्च शिक्षण संस्थानों से स्टूडेंट्स का मोह भंग हो
रहा है। तकनीकि शिक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले आईआईटी जैसे संस्थानों से
भी छात्र ड्रॉप आउट कर रहे हैं। अगर पिछले तीन साल के आंकड़ों को देखा जाए तो
एकडेमिक तनाव और अन्य अलग-अलग वजहों से 4400 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने आईआईटी,
एनआईटी की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। साल 2012 से 2015 के बीच देशभर के 16 आईआईटी
संस्थानों में से 2060 स्टूडेंट्स और इसी दौरान 30 एनआईटी से 2352 स्टूडेंट्स
ड्रॉपआउट हुए हैं।
आईआईटी में 2014-15 के बीच सबसे ज्यादा 757 स्टूडेंट्स
ड्रॉपआउट हुए। इनमें से सबसे ज्यादा 228 स्टूडेंट्स ने आईआईटी रूड़की से ड्रॉपआउट्स
किया है। इसके अलावा आईआईटी खड़गपुर से 209, आईआईटी दिल्ली से 169 और आईआईटी बॉम्बे
से 72 स्टूडेंट्स ड्रॉपआउट कर चुके हैं। आईआईटी रूड़की में ड्रॉपआउट्स की संख्या
बढ़ती जा रही है। 2012-13 में यह 159 और 2013-14 में 188 थी। पुराने आईआईटी में
शामिल आईआईटी कानपुर में 2012 से अब तक कोई ड्रॉपआउट नहीं हुआ और आईआईटी मद्रास में
2013-14 में सिर्फ 8 ड्रॉपआउट्स हुए।
लोकसभा में जानकारी देते हुए बुधवार
को एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ड्रॉपआउट्स के कई कारण हो सकते हैं जिनमें
अन्य कॉलेजों में शिफ्टिंग, निजी कारण, स्वास्थ्य संबंधी कारण, पोस्ट ग्रैजुएशन के
दौरान जॉब मिलना या फिर एकडेमिक स्ट्रेस से तालमेल न बैठ पाना भी हो सकते हैं।
एनआईटी में सबसे ज्यादा ड्रॉपआउट्स राउरकेला, कुरूक्षेत्र, जयपुर और कैलिकट स्थित
संस्थानों से हुए हैं।
ईरानी ने संसद में बताया कि आईआईटी और एनआईटी दोनों
ने ही इन ड्रॉपआउट्स को कम करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। आईआईटी में स्टूडेंट्स की
एकडेमिक प्रोग्रेस की निगरानी के लिए एक अडवाइजर होता है जो उनकी एकडेमिक परफॉमेंüस
के बारे में उन्हें सलाह भी देता है। पढ़ाई में कमजोर स्टूडेंट्स के लिए समय-समय पर
अलग से क्लास भी कराई जाती हैं। गर्मियों की छुटि्टयों के दौरान भी ये क्लासेज होती
हैं। वहीं, एनआईटी में कमजोर स्टूडेंट्स के लिए कोचिंग, स्पेशल कोचिंग, एक एकडेमिक
इयर में 2 मिड-टर्म एग्जाम, क्वार्टर क्लासेज और स्पेशल एग्जामिनेशन, ट्यूटर
गार्जियन की सुविधा और प्रोत्साहन लेक्चर्स आदि कराए जाते हैं।
सरकार ने
स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। की पहल की है। आईआईटी और एनआईटी में प्रारंभिक फीस
देने के बाद अगर किसी को उसकी पसंद के कोर्स में दाखिला नहीं मिलता है, तो मामूली
फीस घटाकर बाकी पैसे रिफंड किए जा सकते हैं। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में एचआरडी
मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस दिशा में दोनों इंस्टीट्यूट्स से
आग्रह किया है।