जब आप अपनी पसंद की राह पर जाने के बजाय सिर्फ दूसरे विकल्पों में ही उलझकर रह जाते हैं।
जयपुर। कहा जाता है कि जब एक दरवाजा बंद होता है तो कई अन्य दरवाजे खुले होते हैं, जो आपको सफलता तक लेकर जाते हैं। यह बात जीवन की प्रत्येक परिस्थिति में विकल्पों की मौजूदगी की ओर इशारा करती है। यह बात अपने आप में सकारात्मक है क्योंकि यह हार न मानने के लिए प्रेरित करती है लेकिन गड़बड़ तब हो जाती है, जब आप अपनी पसंद की राह पर जाने के बजाय सिर्फ दूसरे विकल्पों में ही उलझकर रह जाते हैं। तब भले ही आपके हाथ कोई विकल्प लग जरूर जाता हो लेकिन आप अपनी असल क्षमताओं का पूरा प्रयोग नहीं कर पाते।
इसलिए यह भी जरूरी है कि आप अपने पास मौजूद बहुत से विकल्पों में उलझने के बजाय अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करके रहें। ऐसा करने पर ही आप पूरी ईमानदारी के साथ प्रयास कर पाएंगे। हाथ में हर विकल्प उपलब्ध होने की बात दिमाग में बैठ जाए तो यह अकसर आसान रास्ते पर ले जाती है, जो वास्तव में आपके लायक होता ही नहीं है। नीचे दिए सवालों से जानें कि विकल्पों के ढेर में क्या आपकी नजर अपने लक्ष्य पर केंद्रित रह पाती है?
1.ग्रेजुएशन के कोर्स में प्रवेश कैसे लिया/लेंगे?
(अ) पसंद के आधार पर, तैयारी करके
(ब) जिसमें आसानी से मिल गया
(स) जिसमें स्कोप ज्यादा था
(द) जिसमें सबने लिया
2.दूसरों से अलग फील्ड में जाने से क्यों डरते हैं?
(अ) क्योंकि कॅरियर के ज्यादा विकल्प नहीं हैं वहां
(ब) पहले किसी ने किया नहीं
(स) मौजूदा कोर्स कोई न कोई नौकरी लगवा ही देगा
(द) नहीं डरता, मुझे पसंद है।
3.अपनी पसंद कैसे तय करते हैं?
(अ) जो सब कर रहे हों, उससे
(ब) जो आसान हो, उससे
(स) जो खुद को अच्छा लगे, उससे
(द) जो मिल जाए, उससे
1. (अ) 5 (ब) 1 (स) 3 (द) 0
2. (अ) 1 (ब) 0 (स) 3 (द) 5
3. (अ) 0 (ब) 3 (स) 5 (द) 1
अंक- 9-15- आप अपना ध्यान लक्ष्य पर रखते हैं, विकल्पों पर नहीं। इसलिए आप अकसर सफलता हासिल कर लेते हैं।
5 से 9- कई बार आप विकल्पों को देखने लग जाते हैं। इससे आप लक्ष्य के लिए जरूरी ऊर्जा बचा ही नहीं पाते।
5 से कम-विकल्प नहीं लक्ष्य देखें। यदि हर समय विकल्प ही देखते रहेंगे तो वे बाधाओं के रूप में काम करने लगेंगे।