जेईई: पैटर्न चेंज होने से एग्जाम रहा टफ
Published: May 25, 2015 12:01:00 pm
ज्यादातर स्टूडेंट्स का मानना है कि इस साल पैटर्न चेंज करने से ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ा
जयपुर। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सैकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से आयोजित जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) का दूसरा चरण जेईई- एडवांस रविवार को हुआ। इस एग्जाम में देशभर के 1.22 लाख स्टूडेंट्स ने पार्टिसिपेट किया, जबकि जयपुर से लगभग आठ हजार स्टूडेंट ्स अपीयर हुए। जेईई-एडवांस के जरिए सलेक्ट होने वाले 28,000 स्टूडेंट्स को आईआईटीज, एनआईटीज, ट्रिपल आईटीज सहित सेंट्रल फंडेड इंस्टीटयूशन में एडमिशन मिलेगा। विद्याश्रम स्कूल सेंटर में स्टूडेंट्स ने बताया कि एग्जाम टफ था।
स्टूडेंट्स ने दोनों ही पेपर में मैथ्स पोर्शन को हार्ड बताया। ज्यादातर स्टूडेंट्स का मानना है कि इस साल पैटर्न चेंज करने से ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ा। राहुल सैनी ने बताया मैथ्स में उन्हें ज्यादा परेशानी हुई। कपिल सिंह का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल एग्जाम को काफी टफ किया गया है। पेपर फर्स्ट से सैकंड की मैथ्स ज्यादा टफ रही।
नेगेटिव मार्किंग का प्रतिशत बढ़ा
पिछले साल दोनों पेपर्स के मार्क्स 360 थे, जबकि इस साल मार्क्स बढ़कर 504 हो गए हैं। हर साल की तरह इस साल भी दोनों पेपर्स ने 60-60 सवाल ही पूछे गए। स्टूडेंट अनुराग गर्ग ने कहा कि इस साल इंटीग्रेशन से ज्यादा क्वेश्चंस आए। अंकुर इंदौलिया ने बताया कि इस साल मल्टीपल चॉइस में माइनस टु की नेगेटिव मार्किंग रखी गई। इसी तरह मैट्रिक्स के मैच का फॉलोइंग में भी नेगेटिव मार्किंग थी।
एक्सपर्ट्स की राय
स्टूडेंट्स के लिए पेपर टफ रहा, वहीं एक्सपट्र्स ने पेपर को एडवांस लेवल पर अच्छा बताया। ज्यादातर एक्सपट्र्स का कहना है कि इस बार के पेपर्स ने 12-15 साल पुराने पेपर्स की याद दिलाई। दूसरी तरफ उन्होंने पार्टिसिपेंट्स के लिहाज से पेपर हार्ड रहा। एक्सपर्ट आशीष अरोड़ा ने बताया कि पेपर लैंदी और टफ रहा। इससे कटऑफ तो डाउन जाएगी ही, साथ ही टॉप ऑर्डर की रैंकिंग पर बड़ा फर्क पड़ेगा, जो पिछले साल तक नहीं देखा जाता था। ध्रुव बनर्जी ने बताया कि इस बार दोनों ही पेपर्स लैंदी थे। इसके अलावा नेगेटिव मार्किंग बढ़ने के कारण भी एवरेज स्टूडेंट्स घबराए। पूजा बंसल के मुताबिक, इस बार कोनिक, वैक्टर 3डी और इंटीग्रेटेड रिलेटेड सवाल ज्यादा थे। अरूण कुलश्रेष्ठ ने कैमिस्ट्री में वैलमेंटेड और बैलेंस बताया। उन्होंने कहा कि पेपर में कन्सेप्चुअल सवाल आए, जो अच्छे थे। हां, मैथ्स का पोर्शन जरूर टफ था।
मेजर पॉइंट्स
1. पैराग्राफ बैस्ड क्वेश्चंस में मोर दैन वन च्वॉइस करेक्ट वाले क्वेश्चंस पहली बार आए।
2. पिछले साल मैथ्स में डायरेक्ट न्यूमेरिकल में 40 फीसदी क्वेश्चंस आते थे, जो इस साल 10फीसदी ही आए।
3. साइंटिफिक एप्लिकेशन बेस्ड क्वेश्चंस लास्ट ईयर 40 थे, जो इस बार 60 परसेंट हो गए।
4. पिछले साल कन्सेप्चुअल थ्योरी के लास्ट ईयर 30 परसेंट सवाल थे, जो इस साल 10 परसेंट रह गए।