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भारत में 5 लाख से ज्यादा शिक्षकों की कमी

Published: Mar 26, 2015 10:56:00 am

राय ने कहा कि हम अनुमानत: 5 लाख से ज्यादा शिक्षकों की कमी का
सामना कर रहे हैं

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नई दिल्ली। भारत पांच लाख से ज्यादा शिक्षकों की कमी का सामना कर रहा है जबकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षकों को नियमित करने की समय सीमा समाप्त होने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। आरटीई फोरम 18 राज्यों में बुनियादी स्तर पर काम कर रहे करीब 10 हजार संगठनों का एक नेटवर्क है। फोरम ने बुधवार को उजागर किया कि अतिरिक्त 6.6 लाख शिक्षकों को शिक्षक-प्रशिक्षण की जरूरत है।

आरटीई फोरम के राष्ट्रीय समन्वयक अंबरीश राय ने कहा कि यह एक विकट परिस्थिति है क्योंकि राष्ट्र आरटीई अधिनियम की समय सीमा 31 मार्च 2015 की दहलीज पर खड़ा है। दुर्भाग्य से वर्तमान में भारत में केवल 10 प्रतिशत स्कूल ही आरटीई अधिनियम के मानक और मापदंड पर खड़ा उतरते हैं। राय ने कहा कि हम अनुमानत: 5 लाख से ज्यादा शिक्षकों की कमी का सामना कर रहे हैं और 6.6 लाख अतिरिक्त शिक्षकों को शिक्षक-प्रशिक्षण कराने की जरूरत है।

शिक्षकों के नियमितीकरण और प्रशिक्षण के लिए अंतिम समय सीमा 31 मार्च 2015 पर विचार करने पर ये आंकड़े निराशाजनक हैं। यहां आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में कार्यकर्ताओं ने कहा कि नई चुनौती उभर चुकी है क्योंकि राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में एक लाख से ज्यादा सरकारी स्कूलों पर ताला पड़ चुका है।
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