उल्लंघन बताया
स्कूली बच्चों को शारीरिक दंड देना किशोर न्याय अधिनियम 2000 का उल्लंघन बताने के साथ ही सार्वजनिक रूप से गलत भी बताया। आयोग ने इसे सार्वजनिक हित की जानकारी बताते हुए कहा, इससे किसी की प्राइवेसी का अतिक्रमण नहीं होता।
शिक्षकों के बारे में खुलासा हो : आयोग
आयोग उन सभी शिक्षकों के बारे में खुलासा करने को कहा है, जिन्हें बच्चों को शारीरिक दंड देने के अपराध में दंडित किया जा चुुका है। इसमें शारीरिक दंड के खिलाफ जारी दिशा निर्देशों को केवी स्कूलों में लागू करने को कहा गया है।
1099 केन्द्रीय विद्यालय स्कूलों पर प्रभावी होगा।
आयोग ने स्कूलों में एक से अधिक सदस्यों का अनुशासनात्मक पैनल गठित करने को कहा है। किशोर न्याय अधिनियम 2000 का उल्लंघन बताने के साथ ही सार्वजनिक रूप से गलत भी बताया।