श्रद्धांजलि सभा में संतों के बीच मंदिर मुद्दे पर सुलह की सलाह देते नज़र आये सीएम योगी
CM Yogi Adityanath In Ayodhya
अनूप कुमार अयोध्या | बुधवार को धार्मिक नगरी अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले शलाका पुरुष प्रतिवादी भयंकर स्वर्गवासी महंत परमहंस रामचंद्र दास की 14 वी पुण्यतिथि पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत कर एक बार फिर से स्वर्गीय परमहंस की यादों को ताजा कर दिया | अपने निर्धारित समय से करीब 45 मिनट की देरी से सरयू तट के किनारे पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने साकेत वासी महंत परमहंस रामचंद्र दास की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए | मीडिया के कैमरों के बीच स्वर्गीय परमहंस की यादों को पुनर्जीवित कर रहे सीएम योगी आदित्यनाथ के कानों में एक मीडिया कर्मी का सवाल चुभ गया | सवाल भी ऐसा था जिसका जवाब देने में मुख्यमंत्री कुछ अटपटा सा महसूस करने लगे और यह सवाल था कि आखिरकार आप अयोध्या क्यों आए हैं | स्वर्गीय परमहंस की समाधि पर इस सवाल को अनसुना करने वाले योगी आदित्यनाथ जब करीब 1 बजे दिगंबर अखाड़े में मुख्य कार्यक्रम श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे तो साधु संतों द्वारा स्वागत किए जाने के बाद मंच पर माइक संभालते ही सबसे पहले इस सवाल से उभरे दर्द को उन्होंने उपस्थित जन समुदाय के सामने साझा किया | किसी जमाने में अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए लाठी गोली खाने की आवाज बुलंद करने वाले गोरक्षपीठाधीश्वर दिगंबर अखाड़ा के मंच पर एक कुशल राजनेता और जिम्मेदार मुख्यमंत्री के रूप में नजर आए | असहज कर देने वाले सवाल के जवाब में उन्होंने कहा आखिरकार मेरे अयोध्या आने पर किसी को आपत्ति क्यों हो रही है |भगवान राम की महिमा है और इस प्राचीन नगरी का महत्व मुझे यहां खींच लाता है मैं फिर आऊंगा और बार-बार आऊंगा और मुझे नहीं लगता कि मेरे अयोध्या आने पर किसी को कोई आपत्ति होनी चाहिए ।
श्रद्धांजलि सभा में संतों के बीच मंदिर मुद्दे पर सुलह की सलाह देते नज़र आये सीएम योगी
करीब 25 मिनट के अपने उद्बोधन में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कभी स्वर्गीय महंत परमहंस रामचंद्र दास के साथ बिताए गए पलों को याद करते तो कभी केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं को लेकर देश के प्रधान-मंत्री का गुणगान करते नजर आए | लेकिन अपने पूरे संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री कभी भी अपनी लय में नहीं नजर आए | राम मंदिर का नाम लेते लेते अचानक पूरी दुनिया में योग की प्रसिद्धि की बात कहना और फिर भगवान राम पर वापस आते हुए इंडोनेशिया और थाईलैंड में भारतीय परंपरा के विस्तार पर प्रकाश डालते हुए देश में रामलीला को लेकर लोगों में डर की बात कहना | इन बातों से कई बार ऐसा महसूस हुआ कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा रहे स्वर्गीय महंत परमहंस रामचंद्र दास की श्रद्धांजलि सभा में अपनी लय नहीं पा रहे हैं | जिस व्यक्ति ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए अपने जीवन की आखिरी लम्हे तक संघर्ष किया और राम मंदिर निर्माण का सपना लिए इस दुनिया से चले गए उन्ही स्वर्गीय महंत परमहंस राम चन्द्र दास की 14 वीं पुण्यतिथि पर योगी आदित्यनाथ ने वही जवाब दिया जो आमतौर पर बीते दो दशक से अधिक समय से तमाम सियासी दलों के नेता देते रहे हैं | हालांकि इस बयान के पीछे सबका साथ सबका विकास का नारा और सुप्रीम कोर्ट की मजबूरी भी कही जा सकती है जिसकी वजह से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राज्य सरकार की कोई ख़ास भूमिका नज़र नहीं आती | इसलिए भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले को आपस में मिल जुलकर सुलझा लेने की वकालत की | जिस मंच पर श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास सहित अयोध्या के तमाम वरिष्ठ संत मौजूद थे और सभी ने अपने संबोधन में राम मंदिर निर्माण को लेकर ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से पैरवी की बात की उसी मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपस में मिल बैठकर इस विवाद को सुलझाने की बात कह कर संतों के जोश को ठंडा कर दिया | आज की सभा में राम मंदिर निर्माण को लेकर वह जोश नजर नहीं आया जो आमतौर पर संतों की सभा में नजर आता है फिर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने भाषण का के समापन में जय श्री राम का उद्घोष कर सभा में उंघते संतों को फिर से जगा दिया | श्रद्धांजलि सभा में शिरकत करने के बाद सीएम योगी ने संतों के साथ भंडारे का प्रसाद चखा फिर कुछ देर बात मुलाक़ात के बाद वापस हवाई पट्टी पहुंचे और प्रदेश की राजधानी के लिए उड़ गए |