पुरूषोत्तम मास के कारण सावन इस बार एक माह देरी से एक अगस्त से शुरू होगा। दो तिथियों का क्षय होने से सावन 29 दिन का रहेगा। इसलिए इस बार सावन में चार सोमवार ही रहेंगे। भक्त भोलेनाथ की भक्ति में डूब जाएंगे।
सावन एक से 29 अगस्त तक रहेगा। सावन का समापन रक्षाबंधन और श्रावणी उपाकर्म से होगा। अन्य त्योहार भी 20 दिन देरी से आएंगे। इस तरह की स्थिति 19 साल बाद 2034 में बनेगी। कृष्ण व शुक्ल पक्ष में (तीज व चतुर्थी एक दिन में होने से) एक-एक तिथि का क्षय होने से सावन 29 दिन का होगा। 3, 10, 17, 24 अगस्त को सावन सोमवार पर शिव मंदिरों में भक्त उमड़ेंगे।
विष्णु का शयन भोले की भक्ति
गुप्त नवरात्रि की समाप्ति 25 जुलाई को होगी। इस दिन अबूझ मुहूर्त भी माना गया है। 27 से चार माह के लिए देवशयन करेंगे। इसके साथ ही चातुर्मास शुरू होगा। 31 जुलाई को गुरूपूर्णिमा होगी। विष्णु का शयन होने के साथ ही शिव की आराधना 1 अगस्त से शुरू होगी।
सामान्य बारिश होगी
मप्र ज्योतिष परिषद के अध्यक्ष आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक के अनुसार, पंचांगों में इस साल का राजा शनि है तथा जल स्तंभ 12.23 प्रतिशत बताया है। अनंत आदि अष्टक नागों में इस साल सुतकक्ष नामक नाग है। अत: वर्षा सामान्य होगी। आंधी-तूफान, भूचाल से जनजीवन अस्त-व्यस्त होगा। चतुर्मेघों में द्रोण नामक मेघ है। इसलिए कुछ क्षेत्रों में अधिक बारिश से बाढ़ की संभावना है। साथ ही इस संवत में रोहिणी का वास समुद्र में है और समय का वास माली के घर। इससे समुद्र के तटीय क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा के योग हैं। इस साल आर्द्रा प्रवेश वृश्चिक राशि के लग्न में है। गुरू तथा शुक्र जल राशि में हैं तथा केंद्र में बुध और चंद्रमा है। यह ग्रह स्थिति वर्षा, बाढ़ एवं जन-धन हानि के योग बना रही है।
सावन की मुख्य तिथियां
हरियाली अमावस्या – 14 अगस्त
स्वर्ण गौरी व्रत – 16 अगस्त
नागपंचमी – 19 अगस्त
प्रदोष व्रत – 27 अगस्त
पूर्णिमा – 29 अगस्त