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सौ वर्ष बाद इस गणेश चतुर्थी पर बनेगा महायोग, पूजा से होंगे ये लाभ

Published: Sep 03, 2016 10:19:00 am

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर 5 सितम्बर को गणेश जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी दुरुधरा महायोग में धूमधाम से बनाया जाएगा

ganesh puja muhurat 2016

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भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर 5 सितम्बर को गणेश जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी धूमधाम से बनाया जाएगा। इस वर्ष भगवान श्रीगणेश का जन्माभिषेक दुरुधरा महायोग में किया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार पांच ग्रहों का दुरुधरा महायोग पिछले सौ वर्षों में नहीं आया है। साथ ही अगले पचास वर्ष में भी यह महायोग नहीं आएगा।

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यह है दुरुधरा महायोग
पंडित बंशीधर ज्योतिष पंचांग के निर्माता पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि दुरुधरा योग चन्द्रमा से बनता है। कुंडली में चन्द्रमा जिस भाव में होता है, उसके दूसरे व बारहवें भाव में सूर्य को छोड़कर अन्य ग्रह आते हैं तो दुरुधरा योग बनता है। गणेश चतुर्थी पर चन्द्रमा तुला राशि में रहेगा। वहीं बुध, गुरु, शुक्र बारहवें भाव व मंगल तथा शनि द्वितीय भाव में रहेंगे। इस प्रकार पांच ग्रहों से दुरुधरा योग बनेगा। पिछले पचास वर्षों में तीन बार वर्ष 1999, 1959, 1956 में दो-दो ग्रहों से दुरुधरा योग बना है। वृहत्जातक, सारावली ग्रंथ में इसका विशेष उल्लेख किया गया है।

विशेष लाभ देने वाला महायोग है दुरुधरा योग
ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन किए जाने वाले सभी कार्य चिरस्थाई व लाभ देने वाले होंगे। इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे ख्याति प्राप्त करने वाले होंगे। उनकी वाणी और बुद्धि में चातुर्यता रहेगी। खरीदे जाने वाले वाहन, ज्वैलरी, भूमि, भवन, विशेष लाभ देने वाले होंगे। आमजन के कार्य सिद्ध होंगे। सभी कार्य धन, वैभव से परिपूर्ण होंगे।

भद्रा का साया नहीं, पूरे दिन होगी गणेश स्थापना

गणेश चतुर्थी पर भद्रा का साया नहीं होने से पूरे दिन गजानन की स्थापना हो सकेगी। ज्योतिर्विद् पं. रामचंद्र शर्मा ने बताया कि तुला राशि का चंद्रमा होने से पाताल लोक की भद्रा होती है। इसका असर पृथ्वी पर नहीं माना जाता। 5 सितंबर को सुबह 8.02 से रात 9.09 बजे तक भद्रा है। शास्त्रों के अनुसार कन्या, तुला, धनु और मकर राशि के चंद्रमा में भद्रा का असर नहीं होता है। गणेश चतुर्थी पर चंद्रदर्शन निषेध है। इस दिन चंद्रमा के दर्शन से कलंक लगता है। लोग घर से बाहर न निकलें, इसके लिए रात में घरों पर पत्थर फेंकने की प्रथा है। शुभ योग और अभिजित मुहूर्त में गणेशजी की स्थापना से कई लाभ होंगे। सुबह 11.36 से 12.24 तक सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है। इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, प्लॉट-मकान सहित चल-अचल संपत्ति खरीदने से भी लाभ होगा।
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