script100 साल बाद है ऐसी करवाचौथ, 4 शुभयोग एक साथ, ऐसे होगा आपको लाभ | How to karwa chauth 2016 puja and muhurat | Patrika News

100 साल बाद है ऐसी करवाचौथ, 4 शुभयोग एक साथ, ऐसे होगा आपको लाभ

Published: Oct 17, 2016 03:19:00 pm

इस बार करवा चौथ बुधवार को है, इस दिन चन्द्रमा अपने रोहिणी नक्षत्र में और बुध अपनी कन्या राशि में
रहेंगे

karwa chauth 2016 muhurat

karwa chauth 2016 muhurat

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाने वाला करवा चौथ का व्रत 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा। 100 वर्षों में पहली बार करवा चौथ पर 4 शुभ संयोग बन रहे हैं। इस बार यह पर्व बुधवार के दिन रोहिणी नक्षत्र में आ रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में उदय होगा और अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेगा वहीं बुध अपनी कन्या राशि में रहेगा। इसी दिन गणेश चतुर्थी और कृष्णजी की रोहिणी नक्षत्र भी है। बुधवार गणेशजी और कृष्णजी दोनों का दिन है।

ये भी पढ़ेः दीवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा ऐसे करें, ये हैं पूजा के शुभ मुहूर्त

ये भी पढ़ेः बुधवार को ऐसे करें गणेशजी की पूजा, तुरंत पूरी होगी हर मनोकामना

ये भी पढ़ेः पूजा में इसलिए तुलसी का है विशेष महत्व, परिक्रमा से मिलता है अखंड पुण्य


ये अद्भुत संयोग करवा चौथ के व्रत को और भी शुभ फलदायी बना रहा है। इसे करक करवा चौथ भी कहते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार अद्भुत संयोग तो कई बार बनते है लेकिन इसी दिन गणेश चतुर्थी और कृष्ण जी का रोहिणी नक्षत्र भी है। यह अद्भुत संयोग करवाचौथ व्रत पति की लंबी उम्र के साथ संतान सुख प्रदान करेगा। करवा चौथ का व्रत अखण्ड सौभाग्य की कामना के लिए महिलाएं करेंगी।

ये भी पढ़ेः मिनी धनतेरस 23 को, ग्रह-नक्षत्रों का होगा शुभ संयोग, घर आएगी लक्ष्मी

ये भी पढ़ेः इन 108 नामों से करें गणपति की आराधना, हमेशा मिलेगी सफलता

ये भी पढ़ेः लिंग स्वरूप की आराधना से तुरंत दूर होती है हर समस्या, ऐसे चढ़ाएं जल

रोहिणी नक्षत्र में होगा चंद्रोदय

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन सुबह से चतुर्थी रहेगी। करवा चौथ महिलाओं के लिए इस बार खास रहेगी, चंद्रोदय रात 8.55 पर रोहिणी नक्षत्र में होगा। शास्त्रों के अनुसार ज्योतिषशास्त्र रोहिणी नक्षत्र में चंद्रोदय होने से पति-पत्नी में प्रेम बढ़ेगा और घर में सुख-समृद्धि बढ़ेगी। रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा की पूजा से स्त्रियों के रोग एवं शोक दूर होंगे। इस दिन किए गए शुभ कामों का पूरा फल मिलेगा।

ये भी पढ़ेः गणेशजी के मंदिर में बनाएं उल्टा स्वास्तिक, सात बार बनते ही पूरी होती है मनमांगी मुराद

इस बार करवा चौथ पर ग्रह दशा, नक्षत्र, वार तीनों के अद्भुत संयोग से महासंयोग बन रहा है। इस दिन व्रत करने से महिलाओं को 100 व्रतों का वरदान मिलेगा। गणेश जी की पूजा का भी विशेष महत्व रहेगा। यही नहीं ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक भी बुध समृद्धि का परिचायक है।

व्रत की विधि
सुबह स्नान कर अपने पति की लंबी आयु, बेहतर स्वास्थ्य व अखंड सौभाग्य के लिए संकल्प लें। बिना कुछ खाए-पिए रहें। शाम को पूजन स्थान पर एक साफ लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय व भगवान श्रीगणेश की स्थापना करें। पूजन स्थान पर मिट्टी का करवा भी रखें। इस करवे में थोड़ा धान व एक रुपए का सिक्का रखें। इसके ऊपर लाल कपड़ा रखें।

इसके बाद सभी देवताओं का पूजन कर लड्डुओं का भोग लगाएं। भगवान श्रीगणेश की आरती करें। जब चंद्रमा उदय हो जाए तो चंद्रमा का पूजन कर अर्घ दें। इसके बाद अपने पति के चरण छुएं व उनके मस्तक पर तिलक लगाएं। पति की माता अर्थात अपनी सास को अपना करवा भेंट कर आशीर्वाद लें। यदि सास न हों तो परिवार की किसी अन्य सुहा​​गिन महिला को करवा भेंट करें।

ये भी पढ़ेः दीवाली की रात करें ये टोटके, कुछ ही देर में होगा धन लाभ

ये भी पढ़ेः दीवाली पर इन उपायों को करने से प्राप्त होगी अखंड लक्ष्मी, घर में होगा मां का वास

ये भी पढ़ेः दीपावली की रात को किए जाते हैं ये 11 अचूक टोने-टोटके

करवा चौथ की प्राचीन कथा

करवा चौथ की कथा इस प्रकार है कि एक बार द्रौपदी ने अपने कष्टों के निवारण के लिए भगवान श्रीकृष्ण से उपाय पूछा तो भगवान श्रीकृष्ण ने यह कथा सुनाई किए एक विद्वान ब्राह्मण वेद शर्मा के सात पुत्र और एक पुत्री थी। पुत्री ने विवाह उपरांत करवा चौथ का व्रत किया परंतु भूख-प्यास से पीडि़त होने के कारण उसके भाईयों ने कृत्रिम चंद्रमा दिखाकर उससे कृत्रिम चंद्रमा को अर्ध्य दिलवाकर भोजन करा दिया।

भोजन करते ही उसके पति की मृत्यु हो गई। पति की मृत्यु से व्याकुल उसने अन्न जल का त्याग कर दिया। उसी रात्रि में देवी इंद्राणी पृथ्वी पर विचरण करने आई। ब्राह्मण पुत्री ने देवी इंद्राणी से अपने दुखों का कारण पूछा। देवी इंद्राणी ने कहा कि तुमने वास्तविक चंद्रोदय के पूर्व ही अघ्र्य देकर भोजन कर लिया। इसलिए तुम्हारे पति की मृत्यु हो गई। अब पति को पुर्नजीवित करने के लिए विधिपूर्वक चतुर्थी का व्रत करो। ब्राह्मण पुत्री ने व्रत कर अपने पति को पुन: प्राप्त किया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो