scriptछठ महापर्वः आज डूबते सूरज को देंगे अर्घ्य | How to worship on chhath puja | Patrika News

छठ महापर्वः आज डूबते सूरज को देंगे अर्घ्य

Published: Nov 06, 2016 09:52:00 am

छठ महापर्व में आज तीसरे दिन रविवार को भक्त श्रद्धालु डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देंगे

chhath puja

chhath puja

छठ महापर्व में आज तीसरे दिन रविवार को भक्त श्रद्धालु डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देंगे। इसके साथ ही छठ मैय्या की पूजा-अर्चना भी की जाएगी। इसके लिए विभिन्न धार्मिक स्थलों तथा पवित्र नदियों के घाटों पर श्रद्धालु जुटेंगे।

ये भी पढेः श्रीराम श्लाका प्रश्नावली: एक क्लिक से जानिए अपना भविष्य

ये भी पढेः अगर आपके पास भी है तोंद तो आप भी हैं भाग्यशाली, पढ़े क्यों

महिलाओं ने बनाया खरना का प्रसाद, श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान

बिहार में सूर्योपासना के चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन शनिवार को लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा नदी समेत अन्य नदियों तथा तलाबों में स्नान किया । महापर्व छठ के दूसरे दिन आज सुबह श्रद्धालुओं ने नदियों , तालाबों में स्नान करने के बाद उपवास शुरू किया। दिनभर के निर्जला उपवास के बाद व्रती सूर्यास्त होने पर भगवान सूर्य की पूजा कर एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खाकर उपवास तोड़ेंगे। इसके बाद जब तक चांद नजर आयेगा तभी तक वह जल ग्रहण कर सकेंगे और उसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निराहार व्रत शुरू हो जायेगा।

ये भी पढेः अगले 10 सैकेंड में आप भी जान सकते हैं, क्या है आपका भाग्य

ये भी पढेः जानिए किस राशि की लड़कियां बनती हैं जल्दी गर्लफ्रेंड

छठ पूजा के दूसरे दिन शनिवार को छठ का उपवास करने वाले भक्तों ने शाम को गन्ने के रस और गुड़ की खीर और ठेकुआ बनाया। इसके बाद मिट्टी के बर्तन में खीर रखकर हवन किया। इसे परंपरा को खरना का प्रसाद कहा जाता है। इसके अलावा प्रसाद के रूप में चावल का पिट्ठा और घी वाली रोटी भी बनाई गई। खरना के बाद सभी छठ व्रतधारियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया है। वहीं, शनिवार को भी छठ व्रताधारियों ने सूप, नारियल, गन्ना, अनानास और केला आदि फलों की खरीदारी की गई।

ये भी पढेः यहां है यमराज का इकलौता मंदिर, जानिए क्यों की जाती है उनकी पूजा

ये भी पढ़ेः भगवान शिव और पार्वती की पुत्री ‘अशोक सुंदरी’ के बारे में ये नहीं जानते होंगे आप

ये भी पढ़ेः इस शाही परिवार पर है एक रानी का शाप, 400 साल से नहीं हुई संतान

पर्व के चौथे और अंतिम दिन फिर नदियों और तालाबों में व्रतधारी उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्ध्य देंगे। दूसरा अघ्र्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का करीब 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त होता है और वे अन्न ग्रहण करेंगे। सूर्योपासना के पवित्र चार दिवसीय कार्तिक छठ महापर्व के पहले दिन कल छठ व्रती श्रद्धालु नर-नारियों ने अंत:करण की शुद्धि के लिए नहाय-खाय के संकल्प के तहत नदियों-तालाबों के निर्मल एवं स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद अरवा भोजन ग्रहण कर इस व्रत को शुरू किया था। परिवार की सुख-समृद्धि तथा कष्टों के निवारण के लिए किये जाने वाले इस व्रत की एक खासियत यह भी है कि इस पर्व को करने के लिए किसी पुरोहित(पंडित) की आवश्यकता नहीं होती है।

गंगा में नाव परिचालन पर लगाई रोक
पटना छठव्रत के अवसर पर पटना जिला प्रशासन ने गंगा नदी में नाव के परिचालन पर रोक लगा दी है। साथ ही छठ घाटों पर पटाखा छोडऩे की भी इजाजत नहीं दी गई है। राज्य सरकार ने छठ पर्व पर मुख्य सड़कों और घाटों के सम्पर्क पथ पर निर्बाध विद्युत व्यवस्था बनाये रखने का निर्देश दिया है। इसी तरह फायर ब्रिगेड और आपातकालीन चिकित्सा सुविधा के लिये असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को भी आवश्यक निर्देश दिया गया है। उधर पुलिस अधिकारियों को असामाजिक तत्वों के साथ सख्ती से निपटने का आदेश दिया गया है।

छठ व्रतियों के लिए गंगा घाटों को साफ सुथरा और सजाने के काम में विभिन्न इलाकों की छठ पूजा समितियां और स्वयं सेवक लगे हुए है। इसके साथ ही गंगा नदी की ओर जाने वाले मार्गो पर तोरण द्वारा बनाए जा रहे है और पूरे मार्ग को रंगीन बल्बो से सजाया जा रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो