15 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी, मध्य रात रहेगी नवमी तिथि, सर्वार्थ सिद्धियोग भी रहेगा खास
15 अगस्त को
कृष्ण जन्माष्टमी/b>, मध्य रात रहेगी नवमी तिथि, सर्वार्थ सिद्धियोग भी रहेगा खास। भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाने वाला त्योहार जन्माष्टमी इस बार 15 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार स्मार्त व वैष्णवों की जन्माष्टमी अलग-अलग मनाई जाएगी। जहां स्मार्त जन्माष्टमी/b> 14 अगस्त को मनाएंगे, वहीं वैष्णव 15 को कृष्ण जन्म धूमधाम से मनाएंगे। लेकिन, खास बात यह है कि 15 अगस्त को मध्यरात्रि में कृष्ण जन्म के समय न अष्टमी तिथि होगी और न ही रोहिणी नक्षत्र।
ये हैं जन्माष्टमी पूजा के मुहूर्तमध्यरात्रि में नवमी तिथि व कृतिका नक्षत्र में ही
कृष्ण भगवान का जन्म होगा। पंडित बंशीधर ज्योतिष पंचाग के निर्माता पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि 14 अगस्त शाम 7.46 बजे अष्टमी शुरू होगी। जो कि दूसरे दिन शाम 5.40 बजे तक रहेगी। जबकि रोहिणी नक्षत्र 15 अगस्त को रात्रि 2.32 बजे से 16 अगस्त रात 12.50 मिनट तक रहेगा। इसी प्रकार कृतिका नक्षत्र 15 को सुबह 3.57 बजे आएगा और अद्र्धरात्रि बाद 2.31 मिनट तक रहेगा।
होगी मिश्रित फलदायीजन्माष्टमी पर कृतिका नक्षत्र के अलावा सर्वार्थ सिद्धी योग भी खास रहेगा। सर्वार्थ सिद्धी योग 15 अगस्त को सुबह से शुरू होगा। जो कि अद्र्धरात्रि बाद 2.31 बजे तक रहेगा। यह योग श्रेष्ठता लेकर आएगा। साथ ही चंद्रमा भी वृष राशि में रहेगा। वहीं केंद्र में बुध व त्रिकोण में बृहस्पति रहेगा। जो कि आमजनता व व्यापारी के लिए मिश्रित फलदाई रहेगा।
अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र में हुआ था जन्मश्रीकृष्ण भगवान का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पत्र की अष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इससे पहले वर्ष 2014 में भी
जन्माष्टमी रोहिणी नक्षत्र के बजाए कृतिका नक्षत्र में मनाई गई थी।