तीन साल बाद रक्षाबंधन पर नहीं होगी भद्रा, सिंहासन गौरी योग में बंधेंगी राखियां
18 अगस्त को आने वाले रक्षाबंधन पर्व पर इस बार भद्रा नहीं होगी, इस दिन बहनें अपने भाई को सिंहासन गौरी योग में रक्षासूत्र बांधेगी
इस बार का रक्षाबंधन पर्व कई मायनों में खास रहेगा। 18 अगस्त को आने वाले रक्षाबंधन पर्व पर इस बार भद्रा नहीं होगी। साथ ही इस दिन सिंहासन गौरी योग भी रहेगा।
इस दिन बहनें अपने भाई को सिंहासन गौरी योग में रक्षासूत्र बांधेगी। भद्रा का साया राखी पर नहीं होने से दिन में शुभ मुहूर्त में राखी बांधी जाएगी। राखी को लेकर बाजार में काफी उत्साह है और इसके लिए बाजार सज गए हैं। ज्योतिर्विद पं गुलशन अग्रवाल ने बताया कि इस बार दिन में भद्रा नहीं है। सूर्योदय से पहले सुबह 3.51 बजे पर ही भद्रा समाप्त हो जाएगी।
सूर्योदय से लेकर दोपहर 2.56 बजे तक रक्षासूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त है, लेकिन इस बार बहनें अपने भाइयों को पूरे दिन में कभी भी राखी बांध सकेंगी। इस बार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का पर्व भद्रा मुक्त रहेगा। तीन साल बाद इस तरह का योग बन रहा है। रक्षाबंधन गुरुवार के दिन है और इस दिन पूर्णिमा होने से अच्छा संयोग बन गया है।
दिनभर शुभ मुहूर्तों में बांध सकेंगे राखी
रक्षाबंधन पर्व पर इस बार भद्रा का साया नहीं पड़ेगा। तीन वर्ष बाद ऐसा संयोग फिर बन रहा है। इस बार राखी बांधने के लिए भद्राकाल देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लोग दिनभर शुभ मुहूर्तों में राखी बांध सकेंगे। पं. जयप्रकाश जोशी ने बताया कि इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगी।
इससे पहले ऐसा संयोग वर्ष 2013 में बना था। भद्रा को हिंदू धर्म शास्त्रों में सूर्य की पुत्री व शनि की बहन बताया है। शनि की तरह इसका स्वभाव भी उग्र है। इसलिए लोग भद्रा को छोडकर शुभ संयोग में कार्य की शुरुआत करते हैं।
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