आज कृष्ण जन्माष्टमी पर मध्यरात्रि प्रकटेंगे कान्हा…, देश भर के मंदिरों में प्रभु दर्शन के लिए उमड़ेंगे लाखों श्रद्धालु
आज भाद्रपद कृष्ण अष्टमी पर गुरुवार को मध्यरात्रि 12 बजे भगवान कृष्ण प्रकटेंगे। भगवान के प्रकटोत्सव जन्माष्टमी को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है। इस बार की जन्माष्टमी कई कारणों से खास है। इस बार जन्माष्टमी पर ग्रहों का ऐसा योग बनेगा, जैसा कि 5000 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर था।
मध्यरात्रि में छह ग्रहों का केंद्रीय योग व तीन ग्रहों के त्रिकोण योग का विशेष योग बनेगा। 75 साल बाद ऐसा दुर्लभ योग बन रहा है। अब वर्ष 2040 में यह संयोग बनेगा।
जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा के मंदिरों में भक्ति-भाव का माहौल बना हुआ है। देश भर के मंदिरों में लोग भक्ति-भाव के साथ दर्शन कर आशीर्वाद ले रहे हैं। साथ ही मंदिरों को भी खास तौर पर सजाया गया है। सभी मंदिरों में कृष्ण जन्मोत्सव पर पूजा तथा प्रसाद वितरण की विशेष व्यवस्था की गई है। इस्कॉन तथा अक्षयपात्र के मंदिरों में भी जन्माष्टमी को लेकर खास सजावट की गई है।
रात 12 बजे प्रकटेंगे कृष्ण धार्मिक मान्यतानुसार रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म होगा। जन्म से 6 घंटे पहले सूतक लगने की वजह से संध्या आरती नहीं होगी वरन रात 12 बजे भगवान कृष्ण को स्नान आदि कराया जाएगा, उनकी षोडशोपचार पूजा कर आरती की जाएगी साथ ही पंचामृत मिश्रित मेवा का भोग लगाया जाएगा। देश के सभी बड़े कृष्ण मंदिरों में रात 12 बजे भगवान के दर्शनों के लिए कपाट खोले जाएंगे तथा आरती के बाद प्रसाद वितरित किया जाएगा।
भक्त कर रहे हैं जन्माष्टमी का व्रत अपने आराध्यदेव श्रीकृष्ण के प्रकटोत्सव पर श्रद्धालु व्रत करते हैं। कुछ लोग व्रत में दिन में फलाहार लेते हैं जबकि कुछ दिन भर निराहार रहकर रात 12 बजे आरती के पश्चात प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोलते हैं।
दिन भर चलेगा सत्संग, कीर्तन और दान-पुण्य का दौर आज जन्माष्टमी पर दिन भर मंदिरों में सत्संग तथा नाम-संकीर्तन का दौर चलेगा। भक्तजन अपने आराध्य के नाम-कीर्तन तथा दान आदि कर पुण्य प्राप्त करेंगे। वही साधु इस दिन वैष्णव मंत्रों के जाप से प्रभु की आराधना करेंगे।