24 अगस्त की रात्रि 10.18 बजे तक अष्टमी तिथि लगेगी, जो दूसरे दिन अर्थात 25 अगस्त की रात्रि 8.07 बजे तक रहेगी। 25 अगस्त को दोपहर 12.27 बजे से रोहिणी नक्षत्र लगेगा, जो दूसरे दिन अर्थात 26 अगस्त को प्रात: 10.52 बजे तक रहेगा। श्री कृष्ण के जन्म की विधि अनुसार तिथि का ही सबसे ज्यादा महत्व होता है। इस वर्ष रात्रिकालीन अष्टमी तिथि 24 को मिल रही है। अत: शैव मत वाले 24 को वैष्णव मत वाले 25 को जन्माष्टमी धूमधाम से मनाएंगे।