शनिवार: ये रहेगा रोजा इफ्तार व सहरी का वक्त
रमजान के महीने में अल्लाह ने अपने बंदों को
“कुरआन” का तोहफा दिया, जिसमें इंसानों को जीवन गुजारने का तरीका बताया गया है
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रोजा इफ्तार व सहरी का
वक्त
मुफ्ती अहमद हसन साहब: इफ्तार – शनिवार : 7.24, सहरी – रविवार : 4.06
दारूल-उल रजविया: इफ्तार – शनिवार : 7.29, सहरी – रविवार : 4.00
शिया इस्ना अशरी मस्लक: इफ्तार – शनिवार : 7.37, सहरी – रविवार : 3.46
मुफ्ती-ए-शहर
रमजान के महीने में अल्लाह ने अपने बंदों को “कुरआन” का तोहफा दिया, जिसमें इंसानों को जीवन गुजारने का तरीका बताया गया है। इस महीने की अंतिम दस रातों में एक रात “लैलतुलक द्र” में इबादत करना हजार महीनों की इबादत करने से भी बढ़कर है। इस महीने में जन्नत (स्वर्ग) के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और जहन्नुम के दरवाजे बन्द कर दिए जाते हैं और शैतान बेडियों में जकड़ दिया जाता है। अर्थात् रमजान की बरकत से अल्लाह के बंदों में भलाई करने की होड़ होती है तो शैतान स्वयं ही बंध जाते हैं और बुराइयां कम होने से दोजख के द्वार बन्द तथा जन्नत के द्वार खुल जाते हैं। यकीनन यह अल्लाह का ऎसा इनाम है जिसका हम जितना भी शुक्र अदा करें कम है।
– मुफ्ती हकीम अहमद हसन
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